सबसे बड़ी समस्या यह होती है कि बहुत से लोगों को सेक्स से जुड़ी बात करने में ऑकवर्ड महसूस होता है।
कामेच्छा की कमी
भारत में ऐसे लोगों की संख्या तेजी से बढ़ रही है जिनमें सेक्स के प्रति इच्छा में कमी देखी जा रही है और ज्यादातर लोग अपराधबोध की वजह से इस बारे में खुलकर बात भी नहीं कर पाते हैं। हालांकि बहुत से लोगों में कुछ दवाइयों की वजह से भी कामेच्छा की कमी देखने को मिलती है। कई बार गर्भनिरोधक गोलियां और ऐंटिडिप्रेसेंट लेने की वजह से भी कामेच्छा में कमी आ जाती है। ऐसे में अपना लिबिडो बढ़ाने के लिए डॉक्टर से संपर्क करने में किसी तरह की कोई बुराई नहीं है।
सेक्स को बोरिंग समझना
लॉन्ग टर्म रिलेशनशिप में अगर खासतौर पर आपका फोकस सिर्फ इंटरकोर्स पर है तो ऐसे में एक ही पार्टनर संग बार-बार सेक्स करने के बारे में सोचना बोरिंग हो सकता है। बहुत से कपल्स फोरप्ले के दौरान वरायटी के महत्व को नहीं समझ पाते क्योंकि फोरप्ले ही रियल पेनिट्रेशन है। जिस वक्त आप सेक्स को रूटीन समझने लगते हैं उसी वक्त से सेक्शुअल ऐक्ट बोरिंग लगने लगता है। ऐसे में अगर थेरपिस्ट के पास जाते हैं तो थेरपिस्ट आपकी समस्या के बारे में जानने के लिए आपके सेक्स सेशन के बारे में भी आपसे पूछते हैं।
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सेक्स के लिए टाइम नहीं
कई बार ऑफिस का काम और फैमिली लाइफ के बीच सेक्स कहीं पीछे छूट जाता है। ऑफिस में डेडलाइन्स के हिसाब से काम करना, देर रात तक जगना, बच्चों का होमवर्क करवाना, घर पर खाना पकाना, वर्कआउट और यह सब कुछ करने के बाद आखिर में जब कोई व्यक्ति बेड पर जाता है तो वह सिर्फ इतना चाहता है कि वह चैन की नींद सो जाए। ऐसे में अगर सेक्स में इंट्रेस्ट कम हो रहा है और सेक्स कहीं पीछे छूट रहा है तो स्पेशलिस्ट से संपर्क जरूर करें।