सनातन धर्म में 10 ऐसे चमत्कारिक पक्षी हैं, जिन्हे अत्यंत पवित्र माना गया है। आइए ऐसे ही दिव्य और पवित्र पक्षियों के बारे में जानते हैं जिनका हिंदू धर्म में बहुत ही महत्व माना गया है। जिनका आदर एवं सम्मान करना प्रत्येक हिंदू का कर्तव्य है।
हंस
जब कोई व्यक्ति सिद्ध हो जाता है तो कहते हैं कि उसने हंस पद को प्राप्त कर लिया है और वहीं जब कोई समाधि में चला जाता है तो कहते हैं कि वह परमहंस हो गया है। सनातन धर्म में परमहंस को सबसे बड़ा पद माना गया है। हंस को प्यार एवं पवित्रता का प्रतीक माना गया है। हंस को समस्त पक्षियों में सबसे विवेकी पक्षी माना गया है। हंस के विवेकी होने के कारण ही उसे ज्ञान और कला की देवी मां सरस्वती का वाहन माना जाता है। हिंदू धर्म में हंस को मारना पिता और गुरू की हत्या के समान है। मान्यता है कि हंस को मारने वाला व्यक्ति तीन जन्मों तक नर्क में ही रहता है।
नीलकंठ
नीलकंठ को देखने मात्र से ही भाग्य का दरवाजा खुल जाता है। दशहरा पर्व पर इस पक्षी के दर्शन को शुभ और भाग्य को जगाने वाला माना जाता है। जिसके चलते दशहरे के दिन हर व्यक्ति इसी आस में छत पर जाकर आकाश को निहारता है, ताकि उसे नीलकंठ पक्षी के दर्शन हो जाए। मान्यता है कि विजयादशमी के दिन नीलकंठ पक्षी के दर्शन करने वाले व्यक्ति के घर में साल भर शुभ कार्य का सिलसिला चलता रहता है। कहते हैं कि श्रीराम ने इस पक्षी के दर्शन के बाद ही रावण पर विजय प्राप्त की थी।
मोर
मोर को पक्षियों का राजा माना जाता है। मोर शिव पुत्र कार्तिकेय का वाहन है। भगवान श्रीकृष्ण के मुकुट में लगा मोर पंख इस पक्षी की महत्ता को दर्शाता है। मोर भारत का राष्ट्रीय पक्षी है। सभी पुराणों और उपनिषदों में मोर का स्थान बहुत ऊंचा माना गया है। हिंदू धर्म में मोर की हत्या को महापाप माना गया है।
कबूतर
कबूतर को कपोत भी कहते हैं। यह शांति का प्रतीक माना गया है। भगवान शिव ने जब अमरनाथ में पार्वती को अजर—अमर होने के वचन सुनाए थे, तो कबूतरों के एक जोड़े ने यह वचन सुन लिए थे, तभी से वे अजर-अमर हो गए। आज भी अमरनाथ की गुफा के पास कबूतर के ये जोड़े आपको दिखाई दे जाते हैं।
गरूड़
पक्षियों में गरूड़ को सबसे श्रेष्ठ माना गया है। यह समझदार और बुद्धिमान होने के साथ तेज गति से उड़ने की क्षमता भी रखता है। गरूड़ के नाम पर एक पुराण भी है, जिसे गरूड़ पुराण कहते हैं। यह भारत का धार्मिक और अमेरिका का राष्ट्रीय पक्षी है। गरूड़ के बारे में पुराणों में कई कथाएं मिलती हैं। गरूड़ को भगवान विष्णु का वाहन माना जाता है। गरूड़ ने ही भगवान राम और लक्ष्मण को मेघनाथ के नागपाश से मुक्त किया था। साथ ही यह पक्षी 100 वर्ष तक जीने की क्षमता रखता है।
कौआ
कौआ को अतिथि आगमन का सूचक और पितरों का आश्रम स्थल माना गया है। श्राद्ध पक्ष में कौए को भोजन कराना अर्थात् अपने पितरों को भोजन कराना माना गया है। कौआ को भविष्य की घटनाओं का सूचक माना गया है।
गौरैया
गोरैया एक छोटी चिड़िया है। यह हल्की भूरे रंग या सफेद रंग में होती है। इसके शरीर पर छोटे-छोटे पंख और पीली चोंच व पैरों का रंग पीला होता है। यह चिड़िया मनुष्य के बनाए हुए घरों के आसपास रहना पसंद करती है। पौराणिक मान्यताओं अनुसार यह चिड़ियां जिस भी घर में या उसके आंगन में रहती है, वहां सुख और शांति बनी रहती है। खुशियां उनके द्वार पर हमेशा खड़ी रहती हैं और वह घर दिनोदिन तरक्की करता रहता है।
बगुला
धार्मिक ग्रंथों में बगुले से जुड़ी अनेक कथाओं का उल्लेख मिलता है। बगुला के नाम पर एक देवी का नाम भी है, जिसे बगुलामुखी कहते हैं। बगुला ध्यान भी होता है। इसमें व्यक्ति को बगुले की तरह एकटक ध्यान लगाना होता है। बगुले के संबंध में कहा जाता है कि ये जिस भी घर के पास के किसी वृक्ष आदि पर रहते हैं, वहां शांति रहती है और किसी प्रकार की अकाल मृत्यु नहीं होती।
उल्लू
उल्लू एक ऐसा पक्षी है जिसे समाज में सम्मान की दृष्टि से नहीं देखा जाता है। अमूमन लोग उससे डरते हैं। उल्लू को लक्ष्मी का वाहन माना जाता है। वेदों में कहा गया है कि उल्लू का अपमान स्वयं मां लक्ष्मी का अपमान है। हिंदू संस्कृति में माना जाता है कि उल्लू धन और समृद्धि लाता है। उल्लू एक पक्षी जिसे भूत, भविष्य और वर्तमान में घट रही घटनाओं का ज्ञान हो जाता है। रामचरितमानस में उल्लू को एक चतुर पक्षी माना गया है।
तोता
तोते का हरा रंग बुध ग्रह के साथ जोड़कर देखा जाता है। ऐसा माना जाता है की तोते को पालने से बुध की कुदृष्टी का प्रभाव दूर हो जाता है तथा इसको देखने मात्र से ही व्यक्ति का मन शीतल हो जाता है।