दुनिया में दो तरीके के लोग एग्जिस्ट करते हैं। एक जो तर्क और साइंस के अलावा किसी सुपरपावर को नहीं मानते। दूसरे वे जो अलोकिक शक्तियों में विश्वास करते हैं। इनमें सबसे ताज्जुब की बात यह है कि जो पहली श्रेणी के लोग हैं वे यूं तो सुपरपावर में यकीन नहीं रखते लेकिन जब इनके सामने कोई अनसुलझी या अविश्वसनीय घटना होती है तो वे ऐसी घटनाओं के कारण भगवान या किसी भी सर्वशक्तिमान ताकतों को मानने लगते हैं।
इन दो श्रेणी के लोगों के अलावा कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो केवल और केवल ‘विज्ञान’ और ‘सत्य’ पर आधारित चीजों को ही मानते हैं। ऐसे लोगों के समक्ष यदि कोई अविश्वस्नीय घटना हो भी जाए तो ये उसे महज ‘इत्तेफाक’ का नाम दे देते हैं।
आज इस मुद्दे पर हम बात करने वाले हैं। जी हां आज हम आपको सदी के दो बड़े रहस्यमयी इत्तेफाक बताने जा रहे हैं जिनके बारे में आप शायद ही जानते होंगे। यह वाकयी ‘अकल्पनीय’ और ‘अविश्वसनीय’ है।
हम सलाह देना चाहेंगे कि यदि आपको यह जानकारी रोचक लगे तो इसे अपने दोस्तों के साथ भी शेयर करें। तो चलिए जानते हैं सदी के दो बड़े इत्तेफाक…
दो जुड़वां भाइयों का अद्भुत और अविश्वसनीय इतिहास
यह घटना किसी फिल्म की तरह है। दरअसल, यह घटना दो जुड़वां बच्चों के बिछड़ने और मिलने से जुड़ी है। लेकिन आपने असल जिंदगी में शायद ही ऐसी कोई कहानी देखी होगी।
यह घटना अमेरिका के ओहियो शहर के दो भाइयों की है। ओहियो में रहने वाली एक 15 साल की लड़की ने दो जुड़वां बच्चों को जन्म दिया। कम उम्र होने के कारण वो इन बच्चों का पालन-पोषण नहीं कर सकती थी। इस कारण इन जुड़वां बच्चों को ओहियो में रहने वाली दो अलग-अलग परिवारों ने गोद ले लिया।
यहीं से इन दोनों बच्चो की अलग लेकिन समानांतर जिन्दगी की शुरुआत हो गई। इन दोनों ही बच्चो के नाम उनके नए माता पिता ने जिम रखा, लोग इन्हें जिम ट्विंस के नाम से ही जानती थी, लेकिन ये इत्तेफाक यही नहीं थमा, ये तो एक बहुत ही पेचिदा कहानी की शुरुआत मात्र ही थी।
स्कूली दिनों में इन दोनों बच्चो का पसंदीदा सब्जेक्ट गणित ही था। बड़े होने पर इन दोनों की शादी लिंडा नाम की लडकियों से ही हुई और कुछ दिनों बाद दोनों भाइयों का अपनी-अपनी पत्नियों के साथ तलाक हो गया।
आप ये जान कर हैरान हो जाएंगे की दोंनो ही भाइयों ने दूसरी शादी की और उन दोनों का नाम बेटी था। यहां तक की दोनों लडकियों के एक-एक बच्चे भी था जिनका नाम जेम्स से शुरू होता था।
39 साल बाद जब ये दोनों भाई मिले और जब इन दोनों ने अपनी जिंदगी में घटित इन कॉमन बातों को एक दुसरे से शेयर किया, तो वे दोनों वाकयी हैरान थे। ये दोनों भाई लगभग एक जैसी ही नोकरी ही करते थे। दोनों एक ही ब्रांड की शराब और सिगरेट पीना पसंद करते थे।
क्या इन दोनों भाइयो की जिंदगी में इतनी समानताओं का होना महज एक इत्तेफाक हो सकता था? या फिर कुछ और….
इस सवाल का जवाब तो बड़े-बड़े ह्यूमन बिहेवियर विशेषज्ञ और मनोवैज्ञानिक तक नहीं खोज सके।
टाइटेनिक का अद्भुत रहस्य
‘टाइटेनिक’ के जहाज के बारे में कौन नहीं जानता। दुनिया का सबसे बड़ा पानी का जहाज ‘टाइटेनिक’ 10 अप्रैल 1912 को इंग्लैंड के पोत से अपने पहले सफर के लिए समुद्र में रवाना हुआ, तो फिर वापस नहीं लौटा।
यह बात है सन 1898 की जब टाइटेनिक का निमार्ण भी नहीं हुआ था। सन 1898 में ‘मोर्गन रोबर्टसन नामक लेखक ने The Wreck of the Titan: Or, Futility नामक एक नॉवेल प्रकाशित किया।
इस नॉवेल में मोर्गन ने ‘टाइटन’ नामक एक जहाज का जिक्र किया है। इस नॉवेल में टाइटन नामक जहाज को वर्णित करते हुए लिखा गया है कि यह एक विशाल और कभी नहीं डूबने वाला पानी का जहाज था, लेकिन अपनी पहली ही यात्रा के दौरान यह जहाज उत्तरी अटलांटिक महासागर में एक बर्फ की बड़ी सी चट्टान से टकराकर दुर्घटनाग्रस्त होकर डूब गया और जहाज में सवार लगभग सभी लोग मारे गए।
चौंकाने वाली बात यह है की इस नॉवेल के प्रकाशित होने के ठीक 14 साल बाद ‘टाइटेनिक’ नामक जहाज का निर्माण होता है। यह ठीक वैसा ही विशाल जहाज होता है जैसा नॉवेल में जिक्र किया गया था। आप में से कई लोगों ने ‘टाइटेनिक’ फिल्म तो देखी है जिसमें इस जहाज को देखा भी होगा, लेकिन आश्चर्यचकीत कर देने वाले इस नॉवेल के बारे में नहीं सुना होगा।
आखिर 14 साल पहले लिखे गए नॉवेल में दी गई सारी जानकारी कैसे 1912 में बने टाइटेनिक जहाज से हुबहू मेल खाती थी। यह सोचने वाली बात है। क्या इसे भी इत्तेफाक कहेंगे..?
नॉवेल में और भी बहुत कुछ मिलता जुलता लिखा था। दोनों जहाज बेहद आलिशान थे। दोनों ही जहाजों ने अप्रैल के महीने में अपनी यात्रा शुरु की। दोनों ही जहाज एक विशाल बर्फ की चट्टान से टकराकर दुर्घटनाग्रस्त हुए।