ये रिपोर्ट होगी ख़ास, अगर आप सिम ऑपरेटर से है परेशान तो…

ई-सिम या इंबेडेड सिम के बारे में कई लोग जानते होंगे. कई लोग ऐसे भी होंगे जिन्हें ई-सिम के बारे में कोई जानकारी नहीं होगी. खैर कोई बात नहीं, चलिए हम आफको बताते हैं. ई-सिम एक ऐसा सिम कार्ड होता है जो आपको नजर नहीं आएगा. यह सिम कार्ड एक सॉफ्टवेयर के जरिए कंट्रोल होता है. ई-सिम भारत में फिलहाल जियो, वोडाफोन और एयरटेल के पास ही है. एपल वॉच सीरीज 4 में ई-सिम का सपोर्ट दिया गया था. इसके अलावा गूगल पिक्सल 3ए और आईफोन xr में भी ई-सिम का सपोर्ट है. 

सबसे बड़ा फायदा ई-सिम का होता है. कि ऑपरेटर बदलने में बड़ी आसानी होती है। आप घर बैठे ही ऑनलाइन ऑपरेटर बदल सकते हैं. साथ ही आपको सिम कार्ड बदलना नहीं पड़ता है. इसमें बिना मोबाइल नंबर बदले मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी की भी सुविधा है. इसका बड़ा फायदा यह है कि सिम कार्ड के खोने की कोई समस्या नहीं है. उदाहरण के तौर पर यदि आपका फोन खो भी जाए तो आप नए फोन में लॉगिन करके अपने ई-सिम का इस्तेमाल कर सकेंगे और पुराने फोन में मौजूद सिम को डी-एक्टिवेट कर सकेंगे. ई-सिम का बाजार भारत में अभी कुछ खास नहीं है लेकिन एक रिपोर्ट के मुताबिक 2025 तक भारत में ई-सिम यूजर्स की संख्या 25 फीसदी तक बढ़ सकती है और ई-सिम का बाजार 2023 तक 97.83 करोड़ डॉलर का हो जाएगा. फिलहाल ई-सिम का बाजार 25.38 करोड़ डॉलर का है. ई-सिम का बाजार तभी तेजी से आगे बढ़ेगा जब मोबाइल निर्माता कंपनियां इसमें सहयोग करेंगे, क्योंकि सभी स्मार्टफोन में ई-सिम का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है. स्मार्टफोन बाजार में मोबाइल निर्माता कंपनियों ई-सिम सपोर्ट के साथ उतारने वाली है.

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