बॉलीवुड की इस चकाचौंध में सिर्फ रोशनी नहीं बल्कि अंधेरा भी हैं, यहां जितनी खुशियां है उतने गम भी है. बॉलीवुड में आने से पहले हर लड़की एक सपना लेकर आती है कि वो एक सुपरहिट अभिनेत्री बनेगी, उसके पोस्टर्स हर जगह होंगे, सामने लोगों की भीड़ होगी जो सिर्फ उसका नाम लेगी, पर क्या सच में ऐसा सबके साथ हो पाता है? हर दिन ना जाने कितनी ही लड़की अपनी आंखो में ये सपना लिये मुंबई आती है कि वो हीरोइन बनेगी लेकिन क्या सभी लड़कियां बन पाती है?