कहीं आपके हाथ में नकली नोट तो नहीं….। जी हां आजकल जमकर नकली नोटों का इस्तेमाल किया जा रहा है। खतरा यहां तक बढ़ चुका है कि खास सीरीज के नोटों का नोटिस बैंकों ने अपनी शाखाओं में चिपकाना भी शुरू कर दिया है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने बताया है कि बीते एक साल में 2015-16 के दौरान पकड़ी गई नकली नोटों की संख्या में 20 गुना से ज्यादा का इजाफा हुआ है। देश में नकली नोटों का बिजनेस देश के अंदर और सीमापार, दोनों तरफ से तेजी से फल-फूल रहा है। इसकी वजह से भारतीय अर्थव्यवस्था को हर साल जाली नोटों की वजह से अरबों रुपए का नुकसान हो रहा है।
मार्केट में सबसे ज्यादा 100 और 1000 रुपए के नोट नकली हैं। रिजर्व बैंक इस समस्या से निपटने के लिए नई सीरीज के नोट जारी करेगा। नए नोटों की इस सीरीज में सुरक्षा के तरीके भी नए होंगे। ऐसे पहचानें नकली नोट- रिजर्व बैंक के असली नोट पर वाटरमार्क होता है। यह वाटरमार्क आप गांधी जी की फोटो के अंदर देख सकते हैं।
1000 और 500 रुपये के नोट में विशेष स्याही से करेंसी के बीचों बीच उस करेंसी की वैल्यू लिखी होती है, जिसे नोट टेढ़ा करके देखा जा सकता है। अल्ट्रावायलेट रोशनी की मदद से नोट के नीचे की तरफ लिखी गई सीरीज को देखें, तो वह उभरा हुआ दिखाई देता है, लाल रंग चमकदार होकर दिखता है। नोट के ऊपर से लेकर नीचे तक एक सिक्योरिटी थ्रेड होता है, जिसमें उस करेंसी की रकम और आरबीआई लिखा होता है। असली नोट में यह साफ और मोटा होता है, जबकि नकली की प्रिंटिंग बेहद मरियल होती है। 5, 10, 20 रुपये के असली नोट में गांधी जी की फोटो के ठीक बगल में, तकरीबन उनके कान के पास छोटे अक्षरों में आरबीआई लिखा होता है। जबकि इससे ऊपर के नोटों में नोट की वैल्यू लिखी होती है।