आस्ट्रेलिया में रविवार से टी-20 विश्व कप की शुरुआत होने जा रही है और उससे पहले शनिवार को सभी 16 टीमों के कप्तान मीडिया के सामने आए। भारतीय कप्तान रोहित शर्मा पहली बार आइसीसी के किसी बड़े टूर्नामेंट में कप्तानी करेंगे और उनके पास महेंद्र सिंह धौनी के बाद आइसीसी ट्राफी अपने नाम करने का मौका रहेगा। रोहित का टी-20 में कप्तान के रूप में जीत का प्रतिशत 79.3 फीसद है।
यह पहली बार है जब आस्ट्रेलिया में इस वैश्विक टूर्नामेंट का आयोजन हो रहा है। इसका फाइनल मुकाबला 13 नवंबर को मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड (एमसीजी) में खेला जाएगा। आस्ट्रेलिया की टीम गत चैंपियन के रूप में उतरेगी, जबकि लंबे समय से टी-20 विश्व कप की ट्राफी अपने नाम करने के प्रयास में जुटी भारतीय टीम एक बार फिर इतिहास दोहराने के इरादे से उतरेगी। टी-20 विश्व कप के मुकाबले एडिलेड, ब्रिस्बेन, जिलांग, होबार्ट, मेलबर्न, पर्थ और सिडनी में होंगे।
कप्तान रोहित की होगी परीक्षा : भारतीय टीम का पिछले साल टी-20 विश्व कप में प्रदर्शन निराशाजनक रहा था और टीम नाकआउट चरण के लिए भी क्वालीफाई नहीं कर सकी थी। इसके बाद विराट कोहली की जगह टीम इंडिया की कमान रोहित को सौंपी गई थी। रोहित के नेतृत्व में भारत ने बल्लेबाजी में आक्रामक रूख अपनाया है, लेकिन टीम रोहित की अगुआई में इस साल एशिया कप के फाइनल में भी जगह नहीं बना पाई थी।
कोहली की फार्म से मिली राहत : रोहित ने टीम में काफी प्रयोग किए और कई खिलाड़ियों को अवसर दिया, लेकिन इन सभी चीजों के बीच पिछले तीन साल से खामोश चल रहा विराट कोहली का बल्ला आखिरकार एशिया कप में चला, जहां उन्होंने अपने शतक के सूखे को खत्म किया। कोहली के फार्म हासिल करने से टीम को राहत मिली। रोहित ने भी अपनी स्ट्राइक रेट में इजाफा और समय-समय पर टीम को अच्छी शुरुआत दिलाई। सलामी बल्लेबाज केएल राहुल का फार्म एशिया कप में ¨चता का विषय था, लेकिन उन्होंने आस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ्रीका के साथ हुई सीमित ओवरों की सीरीज में फार्म हासिल की।
एक्स फैक्टर साबित होंगे सूर्यकुमार और हार्दिक : भारत के पास सूर्यकुमार यादव के रूप में एक शानदार बल्लेबाज मौजूद है जो अपने बल्ले से किसी भी गेंदबाजी आक्रमण को ध्वस्त कर सकता है। इस साल सूर्यकुमार बेहद शानदार फार्म में हैं और टी-20 में इस साल सर्वाधिक रन बनाने वाले बल्लेबाज हैं। मध्यक्रम में रिषभ पंत, हार्दिक पांड्या, दिनेश कार्तिक और दीपक हुड्डा जैसे बल्लेबाज भी हैं जिन्होंने अपने खेल से प्रभावित किया है। हार्दिक बल्ले के साथ-साथ गेंद से भी टीम की जीत में योगदान दे रहे हैं। भारत के सबसे अनुभवी बल्लेबाज कार्तिक ने फिनिशर के रूप में अपनी पहचान बनाई है और कम गेंदों पर वह अपने बल्ले से अमूल्य योगदान दे रहे हैं।
गेंदबाजी बनी चिंता का सबब : भारत के लिए गेंदबाजी लगातार चिंता का विषय बनी हुई है। ऐसे में रवींद्र जडेजा और तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह का चोट के कारण बाहर रहना टीम के लिए अच्छा संकेत नहीं है। भारत के पास भुवनेश्वर कुमार, मोहम्मद शमी, अर्शदीप सिंह और हर्षल पटेल के रूप में तेज गेंदबाज मौजूद हैं, जबकि स्पिन विभाग में रविचंद्रन अश्विन, अक्षर पटेल और युजवेंद्रा सिंह चहल हैं। चहल को मौजूदा समय में सीमित प्रारूप में भारतीय टीम का महत्वपूर्ण स्पिनर माना जाता है।
चहल ने आस्ट्रेलिया के विरुद्ध हुई टी-20 सीरीज में दो विकेट लिए थे, जबकि बाएं हाथ के स्पिनर अक्षर ट्रंप कार्ड साबित हुए थे। चहल दक्षिण अफ्रीका के विरुद्ध नहीं खेले, लेकिन वह आस्ट्रेलियाई परिस्थितियों में बेहतर साबित हो सकते हैं। अक्षर को जडेजा की अनुपस्थिति में टीम में शामिल होने का मौका मिला है और वह इस अवसर को भुनाना चाहेंगे। दूसरी ओर, बुमराह की अनुपस्थिति में भुवनेश्वर तेज गेंदबाजी में भारतीय टीम की अगुआई करेंगे, लेकिन उनके लिए 19वां ओवर गले की फांस बना हुआ है।
भुवनेश्वर ने पाकिस्तान, श्रीलंका और आस्ट्रेलिया के विरुद्ध 19वें ओवर में क्रमश: 16, 14 और 19 रन लुटाए थे, जिससे भारत को हार का सामना करना पड़ा था। भारत के लिए टी-20 विश्व कप में भुवनेश्वर का लय में होना काफी मायने रखेगा। हर्षल पटेल पिछले 11 महीनों में टी-20 में भारतीय टीम के लिए बेहतर प्रदर्शन करते आए हैं और डेथ ओवरों में वह टीम के लिए फायेदमंद साबित हो सकते हैं। हर्षल चोट के कारण कुछ समय से टीम से बाहर रहे थे और उन्होंने आस्ट्रेलिया के विरुद्ध वापसी की। अर्शदीप ने भी इस साल अपने प्रदर्शन से प्रभावित किया है। मोहम्मद शमी लंबे समय से टीम से बाहर रहे हैं, लेकिन उनकी वापसी से साथी गेंदबाजों का मनोबल जरूर बढ़ा होगा।