ये एक ऐसा महादेव का मंदिर जहा मुसलमान और हिन्दू करते हैं पूजा…

भारत एक धार्मिक देश है यह बात सभी लोग जानते हैं। यहाँ कई धर्म के लोग साथ मिलकर बड़े प्यार से रहते हैं। यहाँ हिंदू धर्म को मानने वाले लोग सबसे ज़्यादा हैं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि यहाँ दूसरे धर्मों का कोई स्थान नहीं है। यहाँ इस्लाम, बुद्धिज़्म, जैन धर्म और ईसाई धर्म मानने वाले लोग भी रहते हैं। सभी धर्मों के लोग अपने-अपने हिसाब से अपने इष्टदेव की आराधना करते हैं। हिंदू धर्म में सबसे ज़्यादा देवी-देवताओं की पूजा की जाती है।

हिंदू धर्म की मान्यता के अनुसार यहाँ 33 करोड़ देवी-देवता है। इनमे से कई देवी-देवताओं की पूजा देश के हर कोने में की जाती है। कुछ देवी-देवताओं की पूजा सबसे ज़्यादा की जाती है, उन्ही में से एक हैं भगवान शिव। भगवान शिव के बारे में कहा जाता है कि वह अपने भक्तों की सभी मनोकामनाओं को पूरा कर देते हैं। भगवान शिव के ज़्यादातर मंदिरों में उनके लिंग रूप की पूजा की जाती है। भारत में भगवान शिव के कई ऐसे प्राचीन मंदिर स्थित हैं, जिसके इतिहास के बारे में किसी को कुछ नहीं पता है।

अक्सर यह कहा जाता है कि दूसरे धर्म के लोग हिंदू देवी-देवता की पूजा नहीं करते हैं। लेकिन क्या यह सच में सही है? जी नहीं काम से काम इस मंदिर को देखकर तो ऐसा नहीं लगता है। जी हाँ आज हम आपको भगवान शिव के एक ऐसे मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं, जहाँ ना केवल हिंदू बल्कि मुसलमान भी बड़ी श्रद्धा से पूजा करने आते हैं। यह मंदिर दोनो धर्मों के लिए आस्था का प्रतीक है। जितनी श्रद्धा इस मंदिर को लेकर हिंदुओं में है उतनी ही श्रद्धा मुस्लिम लोगों में भी है।

ये भी पढ़े:20 जुलाई दिन शुक्रवार, जानिए किसपर रहेगी माँ संतोषी की नजर…

इस मंदिर के बारे में जानकार ज़्यादातर लोगों को यक़ीन नहीं होता है, लेकिन यह बिलकुल सच है। आपकी जानकारी के लिए बता दें हम जिस मंदिर की बात कर रहे हैं, वह उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले से 25 किलो मीटर दूर स्थित खजनी क़सबे के पास सरया तिवारी नाम के एक गाँव में बना हुआ है। इस गाँव में भगवान शिव का एक चमत्कारी मंदिर बना हुआ है। इस मंदिर की सबसे अनोखी बात यह है कि यहाँ हिंदू-मुस्लिम एक साथ भगवान शिव की पूजा करते हैं। इस मंदिर में भगवान शिव का एक शिवलिंग स्थापित है, जिसे ‘झारखंडी शिव’ के नाम से जाना जाता है। आप सोच रहे होंगे कि आख़िर मुस्लिम लोग इस शिव मंदिर में क्यों पूजा करते हैं?

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इस मंदिर में जो शिवलिंग स्थापित है, उसपर एक कलमा खुदा हुआ है। इसी वजह से यह मुसलमानों के लिए भी आस्था का प्रमुख केंद्र है। मंदिर के बारे में कहा जाता है कि इसे महमूद गजनवी ने तोड़ने का बहुत प्रयास किया था, लेकिन कामयाब नहीं हो पाया। जब वह मंदिर तोड़ नहीं पाया तो उसने इसपर कलमा खुदवा दिया, जिससे हिंदू लोग इसकी पूजा नहीं कर पाएँ। लेकिन आज यह मंदिर साम्प्रदायिक सौहार्द की एक मिसाल बन गया है। रमज़ान के महीने में यहाँ मुसलमान भी हिंदुओं के साथ आकर पूजा-पाठ करते हैं। ऐसा कहा जाता है कि यहाँ आकर जो भी मन्नत माँगी जाती है, वह ज़रूर पूरी हो जाती है।

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com