अभी तक नेपाल बॉर्डर से सटे जिलों में मिलने वाली बीमारी कालाजार अब राजधानी लखनऊ पहुंच गई है। यहां एक मरीज में इसकी पुष्टि हुई है। खास बात यह है कि इस मरीज की कोई यात्रा इतिहास भी नहीं है। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग अलर्ट हो गया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की टीम ने भी मौका मुआयना किया। जिस घर में मरीज मिला है, उसके आसपास रहने वाले 500 परिवारों की जांच कराने की तैयारी है।
प्रदेश में प्रति 10 हजार की आबादी पर 0.5 केस होने की वजह से वर्ष 2019 में कालाजार बीमारी को खत्म मान लिया गया। डब्ल्यूएचओ के मानक के अनुसार एक ब्लॉक में एक हजार की आबादी पर प्रति वर्ष एक मरीज मिलता है तो इसे उन्मूलन की श्रेणी में मान लिया जाता है। अभी तक प्रदेश में मानक से कम मरीज मिल रहे हैं। वर्ष 2024 में अब तक देवरिया में एक, कुशीनगर में सात और बलिया में दो मरीज मिले हैं। इनकी निगरानी चल रही है। इसी बीच सप्ताहभर पहले राजधानी लखनऊ के त्रिवेणी नगर में 17 साल के युवक में कालाजार की पुष्टि हुई है।
युवक एक निजी मेडिकल कॉलेज में भर्ती था। डेंगू, मलेरिया सहित सभी तरह की जांच कराई गई। रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद भी बुखार बना रहा। लक्षण के आधार पर कराई गई जांच में कालाजार की पुष्टि हुई। कॉलेज प्रशासन ने स्वास्थ्य विभाग को जानकारी दी। आनन- फानन में डब्ल्यूएचओ और स्वास्थ्य विभाग की टीम ने मौका मुआयना किया। इस केस के मिलने के बाद स्वास्थ्य विभाग अलर्ट है। क्योंकि अभी तक लखनऊ में कालाजार का कभी कोई केस नहीं मिला है। इतना ही नहीं युवक का कोई यात्रा इतिहास भी नहीं है। युवक से कोई पूर्वांचल से मिलने भी नहीं आया है। ऐसे में विभाग ने मरीज के घर में जांच कराई, जहां कालाजार फैलाने वाली बालू मक्खी पाई गई है। संयुक्त निदेशक (कालाजार) डा. एके चौधरी बताया कि बालू मक्खी के मिलने के कारणों की भी जांच कराई जा रही है। संभव है कि यह जानवरों के जरिए यहां पहुंची हो।
500 परिवारों की होगी निगरानी
संयुक्त निदेशक (कालाजार) डा. एके चौधरी ने बताया कि विभागीय टीम पूरी तरह से अलर्ट है। अब मरीज की हर 15 दिन में निगरानी की जाएगी। जिला मलेरिया अधिकारी को निर्देश दिया गया कि मरीज के घर के साथ ही आसपास के 500 परिवारों के घरों में सिंथेटिक पायरेथ्रायड का खिड़काव किया जाएगा। इसके बाद इन घरों में बुखार का कोई भी केस आएगा तो उनकी जांच कराई जाएगी। इसके लिए किट भी मंगाई जा रही है।
क्या कहते हैं जिम्मेदार
आमतौर पर लखनऊ में कालाजार के मरीज नहीं मिलते रहे हैं। मरीज में बीमारी की पुष्टि होने के बाद बचाव के सभी उपाय शुरू कर दिए गए हैं। अन्य जिलों को भी अलर्ट किया गया है। जहां पहले से मरीज मिलते रहे हैं, उन जिलों में खासतौर से निगरानी बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं।-डा. ब्रजेश राठौर, स्वास्थ्य महानिदेशक