पंचायत चुनाव को देखते हुए गोरखपुर पुलिस ने 81 हिस्ट्रीशीटरों की लिस्ट जारी की है. बड़ी बात ये है कि इस लिस्ट के टॉप 10 में डॉ कफील अहमद का भी नाम शामिल है. बीआरडी मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन की कमी से हुई मौत मामले में डॉ कफील का नाम आया था और बाद में सीएए विरोधी प्रदर्शनों में भी उन्होंने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया था. कफील पर एनएसए तक लगाया गया था.

अभी तक पूरे गोरखपुर में 1562 हिस्ट्रीशीटर थे, अब 81 नए नाम जोड़े जाने के बाद ये संख्या 1643 हो गई है. कफील अहमद का नाम 81 नए लोगों में टॉप 10 में है और अब उन पर नजर रखी जाएगी.
कफील अहमद के खिलाफ कई मामले दर्ज हैं और उन पर तीन बार रासुका यानी NSA भी लगाया जा चुका है. हालांकि, हाई कोर्ट ने उनके खिलाफ लगे एनएसए को रद्द कर दिया था.
एक ओपन वीडियो मैसेज में कफील खान ने कहा, ‘यूपी सरकार ने मेरा नाम हिस्ट्रीशीटर में दर्ज कर लिया है. वे अब मुझ पर हमेशा नजर रखेंगे, बढ़िया है दो सिक्योरिटी गार्ड्स तैनात कर दो, जो 24 घंटे मुझ पर नजर रखें. कम से कम मैं फर्जी केसों से तो बचा रहूंगा.
डॉक्टर कफील ने आगे कहा, ‘यूपी में ये हालत हैं कि अपराधियों पर कोई नजर नहीं रखी जा रही, लेकिन निर्दोष लोगों के नाम हिस्ट्रीशीटर में दर्ज किए जा रहे हैं.’
आपको बता दें कि डॉक्टर कफील खान को नागरिकता कानून के खिलाफ चल रहे आंदोलन के दौरान अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में एक भाषण देने के कारण जनवरी, 2020 में गिरफ्तार कर लिया गया था. उन पर एनएसए कानून भी लगा दिया गया था.
इसके करीब 6 महीने बाद इलाहाबाद हाई कोर्ट ने यूपी सरकार को फटकार लगाते हुए डॉक्टर कफील के ऊपर से एनएसए के चार्जेस हटा लिए थे. कोर्ट ने कहा था कि उनके खिलाफ तुरंत एनएसएस हटाया जाए. उनका भाषण किसी भी दृष्टि से भड़काऊ नहीं है. इसके बाद एनएसए की डिटेंशन से डॉक्टर कफील को रिहा कर दिया गया.
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