प्रदेश में आज से मौसम बदलने जा रहा है। सोमवार की सुबह कई जिलों धूप निकलने की बजाय बादल दिखे। पछुआ हवाओं के असर से राजधानी में रातें सर्द होने लगी हैं। रविवार को धूप की तपिश कम रही और सुबह-शाम की हवा में ठंडक घुली रही। सोमवार के मौसम में बदलाव के आसार हैं।
आंचलिक मौसम विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक अतुल कुमार सिंह का कहना है कि पश्चिमी विक्षोभ के असर से लखनऊ में बादलों की आवाजाही दिखाई देगी। इससे दिन के पारे में गिरावट के आसार हैं। रात के पारे में दो डिग्री तक उछाल देखने को मिल सकता है। बुधवार को पश्चिमी विक्षोभ के गुजरने के बाद न्यूनतम पारे में फिर से गिरावट आएगी और ठंड बढ़ेगी। रविवार को दिन का तापमान 1.1 डिग्री की उछाल के साथ 26.8 और रात का पारा 0.1 डिग्री की बढ़त के साथ 9.5 डिग्री सेल्सियस रहा।
पछुआ की रफ्तार धीमी होने से हवा की गुणवत्ता शनिवार की तुलना में और खराब हो गई। लखनऊ के छह वायु प्रदूषण मापक स्टेशनों में से बीबीएयू, अलीगंज और लालबाग की हवा नारंगी श्रेणी यानी खराब गुणवत्ता वाली रही। गोमतीनगर, कुकरैल और तालकटोरा की हवा पीली श्रेणी यानी मध्यम गुणवत्ता की रही।
गुनगुनी धूप के बीच जू में दर्शकों की बहार
गुनगुनी धूप और खुशनुमा मौसम के बीच रविवार को बड़ी संख्या में दर्शक चिड़ियाघर पहुंचे। राजधानी समेत प्रदेश के अन्य शिक्षण संस्थानों से आए स्कूली बच्चों ने जानवरों की गतिविधियों और उनके स्वभाव के बारे में जानकारी ली। जू की निदेशक अदिति शर्मा ने बताया कि पिछले दो सप्ताह के अंदर 70 हजार से अधिक पर्यटकों ने चिड़ियाघर का भ्रमण किया है। सर्दी और छुट्टी के समय यहां पर्यटकों की संख्या में इजाफा हुआ है।
सीतापुर से प्रदीप सिंह अपने परिवार के साथ चिड़ियाघर पहुंचे। उन्होंने बताया कि शहर के बीच स्थापित चिड़ियाघर के अंदर शांति का वातावरण है। यहां प्रकृति सुकून देती है। टेलीविजन और किताबों के माध्यम से बच्चों को जानवरों के बारे में जानकारी दी जाती है लेकिन, पहली बार उन्होंने शेर, बाघ, जिराफ, मगरमच्छ और अन्य जानवरों को करीब से देखा है। कानपुर से शिक्षण भ्रमण के लिए आए राकेश कुमार ने एक किताब के माध्यम से जानवरों के बारे में जानकारी दी और स्कूली बच्चों को इनकी गतिविधियों के बारे में बताया।
सांपों को सर्दी से बचाने के लिए इंतजाम किए
सांपों को सर्दी से बचाने के लिए पुआल और कंबल की व्यवस्था की गई है। मौसम बदलने के साथ ही अन्य जानवरों के लिए भी प्रबंध किया गया है। जू की निदेशक ने बताया कि धीरे-धीरे सर्दी बढ़ रही है। इसे देखते हुए अलग-अलग जीव-जंतुओं के खाने व रहने की व्यवस्था में भी बदलाव किया जा रहा है।
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