यूपी: कांग्रेस ने सभी 17 सीटें जीतने के लिए बनाई खास रणनीति

इंडिया गठबंधन में कांग्रेस को यूपी में 17 सीटें मिली हैं। पार्टी ने इन सभी 17 सीटों को जीतने का प्लान तैयार किया है। इस बार प्रचार का तरीका भी बदला हुआ दिखेगा।

लोकसभा चुनाव में कांग्रेस नई रणनीति के तहत मैदान में उतरने जा रही है। पार्टी हर लोकसभा क्षेत्र में वहां की मूल समस्या और आबादी के हिसाब से मुद्दे उठाएगी। जनसभाओं में भी इसका ध्यान रखा जाएगा। इसके लिए लोकसभा क्षेत्रवार मुद्दे तैयार किए जा रहे हैं। वहीं, इस बार नवाचार भी दिखेंगे। प्रदेश मुख्यालय पर बने वार रूम से संबंधित लोकसभा क्षेत्र के कार्यकर्ताओं को दिशा-निर्देश दिया जाएगा।

इंडिया गठबंधन के तहत यूपी में कांग्रेस को 17 सीटें मिली हैं। इसमें रायबरेली, अमेठी, कानपुर नगर, फतेहपुर सीकरी, बांसगांव, सहारनपुर, प्रयागराज, महराजगंज, वाराणसी, अमरोहा, झांसी, बुलंदशहर, गाजियाबाद, मथुरा, सीतापुर, बाराबंकी और देवरिया हैं। पिछले चुनाव में कांग्रेस सिर्फ रायबरेली जीत पाई थी। इसमें वाराणसी और अमेठी कांग्रेस के लिए नाक की लड़ाई है। बुलंदशहर सीट वर्ष 1991 से लगातार भाजपा जीत रही है, लेकिन 2009 में सपा ने जीती थी।

वहीं, गाजियाबाद तीन बार से भाजपा के पास है। बांसगांव में तीन बार से भाजपा जीत रही है, जबकि झांसी, सीतापुर, बाराबंकी, कानपुर नगर, फतेहपुर सीकरी, प्रयागराज, महराजगंज व देवरिया में लगातार दो बार से भाजपा काबिज है। अमरोहा और सहारनपुर बसपा के पास है लेकिन अमरोहा सांसद दानिश अली अब कांग्रेस में शामिल हो गए हैं। ऐसे में इन सीटों को जीतने के लिए कांग्रेस ने नई रणनीति तैयार की है। पार्टी के राष्ट्रीय कार्यालय से सीटवार विवरण तैयार करने का निर्देश दिया गया है। प्रदेश मुख्यालय पर बनने वाले वार रूम में हर लोकसभा क्षेत्र के स्थानीय मुद्दे मौजूद रहेंगे। इसके लिए पार्टी की एक टीम के नेतृत्व में लोकसभा क्षेत्रवार स्थानीय मुद्दे एकत्रित किए जा रहे हैं।

बूथ कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण की तैयारी
प्रदेश की सभी लोकसभा क्षेत्र में बूथ कमेटियां बनाई जा चुकी है। इन कमेटियों को प्रदेश मुख्यालय से जोड़ा जा रहा है। इन्हें प्रशिक्षण देने के लिए बैच तैयार किए जा रहे हैं। प्रशिक्षण में प्रचार के तरीके, सोशल मीडिया का प्रयोग, स्थानीय स्तर के कार्यकर्ता को जोड़ने की रणनीति बनाने की तकनीक सिखाई जाएगी।

पक्का कांग्रेसियों पर रहेगा फोकस
कांग्रेस इस चुनाव में पक्का कांग्रेसी का भी चयन करेगी। इसमें लोकसभा क्षेत्रवार उन लोगों की सूची तैयार की जा रही है, जिन्होंने अभी तक कभी भी पार्टी का साथ नहीं छोड़ा। इसमें नए नेताओं के साथ ही पुराने नेताओं को भी शामिल किया गया है। इन पक्का कांग्रेसियों के जरिये पार्टी पुरानी विरासत को सहेजने का प्रयास करेगी।

किसानों व महिलाओं के मुद्दों को वरीयता
कांग्रेस की रणनीति है कि वह किसानों, युवाओं, श्रमिकों व महिलाओं के मुद्दों पर ज्यादा वरीयता देगी। हालांकि जातिगत जनगणना का मुद्दा भी उठाया जाएगा। इन मुद्दों को संबंधित वर्ग के बीच फोकस किया जाएगा। जैसे- किसानों के बीच एमएसपी गारंटी का मुद्दा उठाया जाएगा। इसके पोस्टर कृषि मंडियों में लगाए जा रहे हैं।

केंद्र से बूथ कार्यकर्ता को मिलेगा संदेश
सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस ने दिल्ली में पूर्व आईएएस अधिकारी शशिकांत सेंथिल के नेतृत्व में वार रूम तैयार किया है। वहां से प्रदेश स्तर पर बनने वाले वार रूम को निर्देश दिया जाएगा। दिल्ली से मिलने वाले संदेश को बूथ स्तर के कार्यकर्ता तक पहुंचाने की रणनीति बनाई गई है।

सभी सीटें जीतने की कोशिश
कांग्रेस के हर कार्यकर्ता में भरपूर ऊर्जा है। पार्टी के नेता एवं कार्यकर्ता बूथवार जिम्मेदारी संभाल लिए हैं। वे भाजपा सरकार की जनविरोधी नीतियों की मुखालफत कर रहे हैं। कांग्रेस को मिलीं 17 सीटों के साथ ही इंडिया गठबंधन के तहत 80 सीटों पर पार्टी पूरी सक्रियता से चुनाव लड़ रही है। इंडिया गठबंधन ज्यादा से ज्यादा सीटें जीतने में कामयाब होगा। -अजय राय, प्रदेश अध्यक्ष कांग्रेस

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