आगरा केंद्रीय कारागार का सजायाफ्ता कैदी कोरोना पॉजिटिव निकला है। तीन मई को कैदी को एसएन (सरोजिनी नायडू) मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था।
चार मई को सैंपल लिया गया था। बुधवार को आई रिपोर्ट में संक्रमण की पुष्टि हुई। अब उसके संपर्क के अन्य कैदियों और कर्मचारियों की सूची तैयार की जा रही है। इन सभी का कोरोना टेस्ट भी कराया जाएगा।
संक्रमित कैदी झांसी का रहने वाला है। उसकी उम्र करीब 60 साल है। हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा हुई है। ब्रेन स्ट्रोक होने पर मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था।
डीआईजी जेल लव कुमार ने बताया कि बंदी कोरोना पॉजिटिव मिलने पर जेल परिसर को सैनिटाइज कराया गया है। जेल में पहले से सैनिटाइजेशन हो रहा था। मुलाकात बंद थी। स्टाफ को भी सैनिटाइज होने के बाद ही अंदर जाने दिया जाता है।
लॉकडाउन के बाद से ही जेल में मुलाकात बंद है। ऐसे में कोई बाहरी नहीं आ सकता है। आशंका यह भी है कि वह जेल परिसर में ही संक्रमित हो गया हो। क्योंकि जेल के कई कर्मचारी बाहर से आते हैं। अपने परिवार के लिए जरूरी सामान खरीदते हैं।
दूसरी आशंका यह है कि एसएन मेडिकल कॉलेज में संक्रमित हुआ हो। केंद्रीय कारागार में क्षमता से अधिक बंदी रह रहे हैं। ऐसे में एक बैरक में 50 से अधिक बंदी रहते हैं। अब जब एक बंदी संक्रमित निकला है तो उसके साथ एक ही बैरक में रहने वाले अन्य बंदियों के भी संक्रमित होने की आशंका है।
बुधवार को मिले संक्रमितों में चार गर्भवती महिलाएं भी शामिल हैं। ये शाहदरा, ट्रांस यमुना, गौरीकुंज कॉलोनी कैलाश मोड़ और लोहामंडी की हैं। कैलाश मोड़ की महिला का उपचार सिकंदरा में स्पेस टॉवर के पास एक क्लीनिक पर चल रहा है। डॉक्टर की सलाह पर टेस्ट कराया, पॉजिटिव आया।
बेलनगंज के 35 वर्षीय सराफा कारोबारी ने खांसी होने पर जांच कराई तो कोरोना पॉजिटिव आया। उनका कहना है कि वह लॉकडाउन में घर में ही थे। पता नहीं कैसे संक्रमित हो गए।
हरीपर्वत के छिद्दा का नगला निवासी जूता फैक्टरी कर्मचारी को दिल का दौरा पड़ा। एसएन ले गए। वहां से निजी अस्पताल लाए। जांच कराई तो कोरोना पॉजिटिव मिला।