यूक्रेन से जारी जंग के बीच रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अपने सैनिकों को बड़ा आदेश दिया है. पुतिन ने सेना को छह जनवरी की दोपहर से लेकर सात जनवरी की मध्यरात्रि तक यूक्रेन में 36 घंटे के संघर्ष विराम का आदेश दिया. पुतिन ने ये फैसला रूसी आध्यात्मिक नेता पैट्रिआर्क किरिल के अनुरोध पर लिया है. पैट्रिआर्क किरिल ने ऑर्थोडॉक्स क्रिसमस को मद्देनजर रखते हुए संघर्ष विराम का अनुरोध किया था.
ऑर्थोडॉक्स क्रिसमस यूक्रेन और रूस में रहने वाले रूढ़िवादी ईसाई मनाते हैं और ये उनके लिए एक बड़ा पर्व है. पिछले 11 महीने से चल रहे युद्ध के बीच पहली बार 36 घंटे दोनों ओर से शांति बनाए रखने की कोशिश हुई है. इससे पहले जब युद्ध की शुरुआत हुई थी तब ह्युमनटेरियन कॉरिडॉर यानी मानवीय गलियारा खोला गया था जहां आम लोग युद्ध क्षेत्र से निकल के सुरक्षित जगहों पर जा सके. रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच दोनों ही देशों के प्रतिनिधिमंडल ने मिलकर इस पर सहमति बनाई थी और लोगों को निकाला गया था.
बता दें कि यूक्रेन और रूस दोनों ही रशियन ऑर्थोडॉक्स चर्च के अनुयायी हैं, लेकिन यूक्रेनी चर्च को सोवियत युग में कम्युनिस्ट सरकारों के दमन की यादें ताजा हैं. उन्हें धार्मिक स्वतंत्रता नहीं थी. अब रूसी हमला उन्हें बीते वक्त की याद दिलाता है.
यूक्रेन के ऑर्थोडॉक्स चर्च ने साल 2019 में रूसी ऑर्थोडॉक्स चर्च से अलग होकर अपने को आजाद कर लिया था. अब यूक्रेन के चर्च को अमेरिका सहित अन्य पश्चिमी देशों से आर्थिक और अन्य मदद मिलती है. ये रूस को मंजूर नहीं है. दुनिया में करीब 24 करोड़ ऑर्थोडॉक्स ईसाई हैं. कहा जा रहा है कि 36 घंटे के सीजफायर से राष्ट्रपति पुतिन देश और दुनिया में अपने विरोधियों को यह संदेश देना चाहते हैं कि वो जंग नहीं बल्कि शांति के पक्ष में हैं और इसीलिए उन्होंने अपनी तरफ से सीजफायर किया है.