रूस और यूक्रेन के बीच जंग (Russia Ukraine War ) जारी है. इस दौरान दोनों ही पक्ष एक-दूसरे को कड़ी टक्कर दे रहे हैं. हालांकि, इसमें दोनों देशों को काफी नुकसान उठाना पड़ा है. इसके बावजूद रूसी सेना (Russian Army) यूक्रेन की राजधानी कीव (Kyiv) की तरफ लगातार बढ़ने की कोशिश कर रही है. इसी बीच यूक्रेनी सेना ने दावा किया है कि उसके सैनिकों ने रूस के 40 मील (करीब 64 किलोमीटर) लंबे काफिले को तबाह कर दिया था.
कीव की तरफ बढ़ रहा था काफिला
द गार्जियन में छपी रिपोर्ट के अनुसार, यूक्रेन की सेना का दावा है कि यह कारनामा उनके 30 यूक्रेनी स्पेशल फोर्स (Ukraine 30 IT Experts) और ड्रोन ऑपरेटरों की टीम ने किया है. सेना का कहना है कि युद्ध के एक हफ्ते बाद रूस ने उत्तर की तरफ से कीव पर हमला करने की योजना बनाई थी. इसके लिए 64 किलोमीटर सेना का काफिला कीव की तरफ बढ़ रहा था.
ड्रोन की मदद से हमला
यूक्रेनी सेना के एक कमांडर ने बताया कि लेकिन बख्तरबंद गाड़ियों का यह काफिला आगे नहीं बढ़ पाया और उनके हमले की योजना विफल हो गई. यह सब 30 यूक्रेनी IT विशेषज्ञों की टीम की वजह से संभव हो पाया था. टीम ने बाइक पर रात में घात लगाकर रूसी सेना के काफिले पर हमला कर दिया था. टीम ने ड्रोन की मदद से काफिले (Russian Convoy) पर एक के बाद एक कई हमले किए.
बाइक पर रात में पहुंची टीम
यूनिट के कमांडर, लेफ्टिनेंट कर्नल यारोस्लाव होन्चार ने जानकारी देते हुए कहा कि क्वाड बाइक पर यूक्रेनी लड़ाके चेरनोबिल (Chernobyl) की दिशा से कीव की ओर जाने वाली सड़क और जंगल के माध्यम से रात में रूसी काफिले के पास तक पहुंचे. इन सैनिकों के पास नाइट विजन चश्मे, स्नाइपर राइफल्स, थर्मल इमेजिंग कैमरों से लैस ड्रोन भी थे. इस ड्रोन से 1.5 किलोग्राम के छोटे बम गिराए जा सकते थे.
घात लगाकर किया हमला
इस यूनिट ने रात में घात लगाकर काफिले के 2 से 3 बख्तरबंद गाड़ियों को नष्ट कर दिया. इसके बाद काफिल वहां फंस गया. इसके बाद जब रूसी काफिला छोटे टीमों में आगे बढ़ने लगा, तो टीम ने उनके आपूर्ति वाले डिपो पर हमला कर दिया. इसके बाद रूसी सेना ईंधन, बम, गैस, राशन आदि के बिना अटक गई. होन्चार ने कहा कि यह सब 30 लोगों के काम के कारण हुआ.
हवाई हमले को रोकने में भी की मदद
एरोरोजविदका यूनिट ने युद्ध के पहले दिन कीव (Kyiv) के उत्तर-पश्चिम में होस्टोमेल हवाई अड्डे पर एक रूसी हवाई हमले को हराने में भी मदद करने का दावा किया है. टीम ने ड्रोन के इस्तेमाल से लगभग 200 रूसी पैराट्रूपर्स का पता लगाया था.
8 साल पहले बनाई गई थी टीम
बता दें कि इन ड्रोन ऑपरेटरों की टीम को एयर फोर्स की यूनिट ‘एरोरोजविदका’ द्वारा तैयार किया गया था. इस टीम को 8 साल पहले स्वयंसेवी IT विशेषज्ञ और कुछ अन्य लोगों के साथ शुरू किया गया था. ये लोग खुद की मशीनों को डिजाइन करते थे.