फॉरे ने घोषणा करते हुए कहा कि इस प्रोजेक्ट के सभी उद्देश्य अब खत्म हो चुके हैं और सिशेल्स अगले साल खुद अपने पैसों से इस सैन्य अड्डे का निर्माण करेगा। उन्होंने कहा, ‘अगले साल के बजट में हम असम्पशन द्वीप पर तट रक्षक सुविधा बनाने के लिए फंड निकालेंगे। हमारे लिए इस क्षेत्र में सैन्य पोस्ट का निर्माण सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है।’ हाल ही में विदेश सचिव विजय गोखलेविक्टोरिया की यात्रा पर गए थे लेकिन वह इस डील को बनाए रखने में असफल रहे। इस डील पर दोबारा चर्चा और हस्ताक्षर पूर्व विदेश मंत्री एस जयशंकर प्रसाद ने किए थे। हालांकि, उनके दौरे के अंत तक ही यह माना जाने लगा था कि इस समझौते को बचाया नहीं जा सकता है।
सिशेल्स की मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार सरकार ने डील के रद्द होने के लिए भारतीय मूल और विपक्षी नेता रामकलावन को जिम्मेदार ठहराया है। जो पहले भारत दौरे के बाद इसके लिए मान गए थे लेकिन बाद में अपनी मंजूरी वापस ले ली। विपक्ष की सहमति के बिना यह डील नहीं हो सकती है। सूत्रों ने कहा कि भारत हालांकि सिशेल्स के साथ दूसरा समझौता करने की तैयारी कर रहा है। रक्षा सूत्रों के अनुसार सिशेल्स फ्रांस के साथ मिलकर समुद्री सुरक्षा की डील करना चाहता है।