उत्तर भारत के ज्यादातर जगहों के अलावा कुछ और जगहों पर होली की धूम देखने को मिलती है। लेकिन सबसे खास होती है मथुरा, वृंदावन की होली। लेकिन हम में ज्यादातर लोग इस बात से शायद ही वाकिफ नहीं होंगे कि यहां होली का उत्सव 40 दिन पहले ही शुरू हो जाता है लेकिन 10 दिन पहले शुरू होने वाली होली होती है सबसे खास। जिसमें शामिल होकर आप होली के हर एक पल को एन्जॉय कर सकते हैं। जानते हैं किस दिन कहां जाने का करें प्लान।
बरसाना का होली
वृंदावन के हर एक जगह की होली होती है खास लेकिन बरसाना जैसी होली कहीं देखने को नहीं मिलती जिसे यहां लट्ठ मार होली के नाम से जाना जाता है। जिसके पीछे की कहानी बड़ी रोमांचक है। कहा जाता है कि भगवान श्रीकृष्ण नंदगांव से बरसाना होली खेलने आते थे क्योंकि बरसाना राधा रानी का घर था। राधा रानी के साथ ही वो दूसरी स्त्रियों को भी अपनी शरारतों से परेशान किया करते थे और लाठी-डंडों से उनके साथ ही उनके दोस्तों की भी पिटाई होती थी। तब से लट्ठ मारी होली की परंपरा चली आ रही है जिसे यहां के लोग आज भी कायम रखे हुए हैं। होली से ठीक एक हफ्ते पहले इसे मनाने की परंपरा है।
कब- 14 मार्च 2019, गुरूवार
नंदगांव की होली
लट्ठ मार होली के बारे में एक खास बात जान लेना जरूरी है कि ये होली सिर्फ नंदगांव और बरसाना के लोगों के बीच ही खेली जाती है। कोई बाहर का व्यक्ति इसमें शामिल नहीं हो सकता। हां, इसकी मौज-मस्ती और हर एक मूवमेंट को आप कैमरे में जरूर कैद कर सकते हैं। बरसाना होली के अगले दिन यहां के लोग नंदगांव पहुंचते हैं होली खेलने। वहां भी इस परंपरा को दोहराया जाता है। इसे देखने को अलग ही आनंद होता है।
कब- 15 मार्च 2019, शुक्रवार
बांके बिहारी मंदिर (वृंदावन)
अगर आप होली देखने के साथ ही उसे एन्जॉय भी करना चाहते हैं तो वृंदावन के बांके-बिहारी मंदिर का प्लान करें। जहां गुलाल और पानी से खेली जाती है होली। फूल और केसर जैसी नेचुरल चीज़ों से मिलकर बने अलग-अलग रंगों वाले गुलाल से सरोबार और पानी से भीगने के बाद झूमते-नाचते लोगों को देखने के बाद आप खुद को भी रोक नहीं पाएंगे। होली के इस माहौल को और ज्यादा जीवंत बनाने का काम करते हैं भगवान श्रीकृष्ण के भजन।
कब- 16 मार्च 2019, शनिवार
कैसे पहुंचे
यहां पहुंचने के लिए सबसे नज़दीकी रेलवे स्टेशन मथुरा है जो शहर से 12 किमी दूर है। अगर आप फ्लाइट से आने की सोच रहे हैं तो दिल्ली तक की टिकट बुक कराएं। जहां से मथुरा की दूरी 142 किमी है। इसके अलावा सड़क मार्ग के लिए रास्ता बहुत ही आसान और सुगम है। राज्य परिवहन निगम और प्राइवेट हर तरह के बसों की सुविधा यहां तक पहुंचने के लिए अवेलेबल है।