कुरुक्षेत्र के लाडवा में राक्षी नदी के तटबंध तीन जगह टूटने से शहर और एक दर्जन गांवों में पानी घुस गया। ईस्माइलाबाद में मारकंडा नदी का तटबंध टूटने से हालात गंभीर हैं। शाहाबाद में मकान गिरने से उत्तर प्रदेश के दो मजदूरों की मौत हो गई।
बारिश के कारण यमुना नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर बह रहा है, जिससे दिल्ली सहित यमुनानगर, करनाल, पानीपत, सोनीपत और अंबाला में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। हथिनी कुंड बैराज पर बुधवार शाम 6 बजे यमुना का जलस्तर 1,74,442 क्यूसेक दर्ज किया गया। पश्चिमी और पूर्वी यमुना नहरें बंद होने के कारण सारा पानी दिल्ली की ओर डायवर्ट किया जा रहा है, जिससे वहां हालात बिगड़ सकते हैं।
उत्तराखंड-हिमाचल में बारिश का असर
उत्तराखंड और हिमाचल के पहाड़ी क्षेत्रों में हो रही मूसलाधार बारिश के कारण यमुना नदी पिछले 50 घंटों से उफान पर है। हथिनी कुंड बैराज की रिपोर्ट के अनुसार, सुबह जलस्तर में कमी आई थी, लेकिन शाम होते ही फिर से बढ़ोतरी दर्ज की गई। सिंचाई विभाग ने कर्मचारियों की छुट्टियां रद्द कर दी हैं और हाई अलर्ट जारी किया गया है।
अंबाला में टांगरी और घग्गर नदियां भी उफान पर
अंबाला में टांगरी नदी खतरे के निशान (10 फीट) से 2 फीट ऊपर बह रही है, जबकि घग्गर नदी 12 फीट के खतरे के निशान पर है। टांगरी नदी पर चंदपुरा पुल क्षतिग्रस्त होने से यातायात बंद कर दिया गया है। अंबाला-अमृतसर राजमार्ग पर मनमोहन नगर के पास मिट्टी धंसने और अंबाला-यमुनानगर एनएच 344 पर मारकंडा नदी का पानी सड़क पर आने से यातायात प्रभावित हुआ है। कई सरकारी दफ्तरों, थोक कपड़ा बाजार, और सेक्टर 7, 9, 10 में जलभराव की स्थिति है।
कुरुक्षेत्र और यमुनानगर में हादसे
कुरुक्षेत्र के लाडवा में राक्षी नदी के तटबंध तीन जगह टूटने से शहर और एक दर्जन गांवों में पानी घुस गया। ईस्माइलाबाद में मारकंडा नदी का तटबंध टूटने से हालात गंभीर हैं। शाहाबाद में मकान गिरने से उत्तर प्रदेश के दो मजदूरों की मौत हो गई। यमुनानगर में रादौर के बैंडी गांव में कच्ची छत ढहने से 45 वर्षीय मान सिंह की मौत हो गई, जबकि उनकी पत्नी और तीन बच्चे घायल हैं। पानीपत और करनाल में हालात गंभीर
पानीपत में यमुना नदी 231.50 मीटर के खतरे के निशान पर बह रही है। सनौली में करीब 20 हजार एकड़ फसल जलमग्न है। जीटी रोड और असंध रोड पर जलभराव से यातायात बाधित हुआ। करनाल के 34 गांवों के खेतों में यमुना का पानी घुस गया, जिससे 10 हजार एकड़ से अधिक फसलें प्रभावित हुई हैं।
कैथल में घग्गर नदी का खतरा
कैथल में घग्गर नदी का जलस्तर 22.6 फीट दर्ज किया गया, जो 23 फीट के खतरे के निशान के करीब है। छह गांवों में पानी घुसने से 400 एकड़ फसल डूब गई।
प्रशासन का अलर्ट, स्कूल बंद
प्रशासन ने अंबाला, कुरुक्षेत्र, यमुनानगर, और कैथल के गुहला खंड में स्कूलों को 4 सितंबर तक बंद कर दिया है। एसडीआरएफ और सेना को अलर्ट पर रखा गया है। कुरुक्षेत्र में 35 बच्चों और 200 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया।