यमुना एक्सप्रेस-वे को लेकर दिए गए आइआइटी के सुझावों पर मात्र पंद्रह फीसद कार्य हुआ है। यमुना प्राधिकरण शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित सड़क सुरक्षा निगरानी समिति की बैठक में एक्सप्रेस-वे पर हुए कार्यों का ब्योरा देगा। जेपी इंफ्राटेक ने आइआइटी के सुझावों को पूरी तरह से लागू करने के लिए जून 2021 तक का समय मांगा है। आइआइटी के 16 सुझावों पर जेपी इंफ्राटेक को अमल करने के निर्देश हैं।
यमुना एक्सप्रेस-वे पर होने वाले हादसों की रोकथाम के लिए सड़क सुरक्षा निगरानी समिति ने आइआइटी से सुरक्षा ऑडिट कराने का आदेश दिए था। आइआइटी दिल्ली की टीम एक्सप्रेस-वे का सुरक्षा ऑडिट कर यमुना प्राधिकरण को कई माह पहले रिपोर्ट सौंप चुकी है पर सुझावों को लागू कराने की रफ्तार काफी धीमी है, जबकि एक्सप्रेस-वे पर हादसों का ग्राफ लगातार ऊपर जा रहा है।
यमुना प्राधिकरण ने बुधवार को जेपी इंफ्राटेक के साथ बैठक कर आइआइटी के सुझावों के क्रियान्वयन की रिपोर्ट ली थी। इसमें सामने आया है जेपी इंफ्राटेक मात्र पंद्रह फीसद कार्य ही कर पाई है।
हुए व शेष बचे कार्य
एक्सप्रेस-वे के निकासी, प्रवेश, टोल प्लाजा, मुख्य मार्ग पर तीन लाख वर्गमी थर्मोप्लास्टिक मार्किग होनी है। इसमें से एक लाख दो हजार वर्गमी मार्किग का कार्य पूरा हो चुका है। एक्सप्रेस वे लगे साइनेज को हटाकर किनारों पर लगे क्रैश बीम बैरियर रेल गार्ड से बाहर कर दिया गया है। 304 साइनेज एक्सप्रेस-वे से हटाए गए हैं। प्रवेश व निकासी के स्थान पर रफ्तार को नियंत्रण में करने के लिए लगने वाली 160 रंबल स्ट्रिप में सौ को लगाने का काम पूरा हो गया है। एक्सप्रेस वे पर पुलों पर चिह्नित किए गए 330 स्थानों में 110 पर रेल गार्ड बैरियर लगाने का काम पूरा हो चुका है।
गति सीमा की जांच के लिए आगरा टोल प्लाजा पर व्यवस्था लागू
दो टोल के बीच तय दूरी के हिसाब से वाहन की रफ्तार सीमा की जांच करने व निर्धारित रफ्तार से अधिक होने पर चालान काटने का आइआइटी ने सुझाव दिया था। यह व्यवस्था निकासी ¨बदु-आगरा टोल प्लाजा के बीच शुरू हो चुकी है।
मेडियन पर एक जगह पर लगा क्रैश बीम बैरियर
आइआइटी ने अहम सुझाव में मेडियन (एक्सप्रेस-वे के दोनों मार्गों के बीच का स्थान) पर क्रैश बीम बैरियर लगाने का सुझाव दिया था। यह क्रैश बीम बैरियर 330 किमी लगाया जाना है।