अगर समय पर उधार भी ना मिल पाए तो समस्या विकट हो सकती है। ऐसी स्थिति से बचने के लिए हर किसी के पास करीब 4 से 6 महीने का इमरजेंसी फंड होना चाहिए। यह फंड मेडिकल इमरजेंसी में, जॉब छूटने पर या किसी बड़ी दुर्घटना के दुष्प्रभावों को कम करने में आपकी मदद करता है। आप यह फंड म्यूचुअल फंड के जरिए भी तैयार कर सकते हैं।
कितने लोग आप पर निर्भर हैं, आपकी आय क्या है, आपका मंथली खर्चा कितना है आदि चीजों पर निर्भर करता है कि आपको कितना इमरजेंसी फंड रखना चाहिए। एक्सपर्ट मानते हैं कि इस तरह के फंड को तैयार करने के लिए डेट म्यूचुअल फंड सबसे बेहतर होता है। इसके लिए आप सिस्टेमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान या एकमुश्त इन्वेस्टमेंट प्लान अपना सकते हैं। इस रकम को लिक्विड फंड्स या अल्ट्रा शॉर्ट-टर्म म्यूचुअल फंड में निवेश किया जा सकता है।
7 फीसद मिल जाएगा रिटर्न
यदि आप बचत खाते में रकम रखते हैं, तो आपको 4 फीसदी रिटर्न मिलता है और यदि आप लिक्विड या अल्ट्रा शॉर्ट टर्म फंड्स में रकम लगाते हैं, तो आपको काफी बेहतर रिटर्न मिल सकता है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि लिक्विड फंड्स कैटेगरी में औसतन 7 फीसद और अल्ट्रा शॉर्ट फर्म में करीब 6.50 फीसद रिटर्न मिल जाता है। इस तरह के फंड्स से रकम कुछ दिनों में निकाली भी जा सकती है।
बचत की आदत भी बनेगी
इमरजेंसी फंड होने का बड़ा फायदा यह भी है कि आपको इमरजेंसी आने पर इक्विटी म्यूचुअल फंड्स जैसी लंबी समयावधि के निवेश को तोड़ने की आवश्यकता नहीं पड़ती है। वहीं, इमरजेंसी फंड आपके बुरे समय में काम तो आता ही है, इससे आपकी बचत की आदत भी बनती है।