म्युचुअल फंड निवेश के लिए सबसे सरल तरीका माना जाता है। यहां निवेशकों के पैसों को एक प्रोफेशनल मैनेज करता है। म्युचुअल फंड्स स्टॉक्स, बॉन्ड्स, कैश या अन्य परिसंपत्तियों में भी निवेश कर सकते हैं। निवेशकों को म्युचुअल फंड स्कीम का चयन उनके वित्तीय लक्ष्य के आधार पर करना चाहिए। इनमें लंप संम या सिस्टेमैटिक इंवेस्टमेंट प्लान (एसआईपी) के माध्यम से निवेश किया जा सकता है।
म्युचुअल फंड्स को लेकर निवेशकों का रुझान काफी बढ़ गया है। मौजूदा समय में इंडस्ट्री का एवरेज एसेट अंडर मैनेजमेंट (एएयूएम) 23.96 लाख करोड़ रुपये (23.96 ट्रिलियन) के स्तर पर है जो कि ऑल टाइम हाई लेवल है। इंडियन म्युचुअल फंड इंडस्ट्री का एयूएम बीते 10 वर्षों में चार गुना तक बढ़ गया है। यह 31 जुलाई 2008 के 5.41 ट्रिलियन से बढ़कर 31 जुलाई 2018 तक 23.06 ट्रिलियन हो गया है। 31 जुलाई 2018 तक कुल खातों की संख्या 7.55 करोड़ (75.5 मिलियन) रही है।
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