पाकिस्तान द्वारा सीमापार आतंकवाद का समर्थन जारी रखने का जिक्र करते हुए भारत ने आज कहा कि मौजूदा परिस्थिति में दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन ( दक्षेस ) के साथ आगे बढ़ना मुश्किल है. नेपाल के प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली तीन दिवस की यात्रा पर यहां भारत आए हैं. उनके और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच हुई बैठक के दौरान दक्षेस शिखर सम्मेलन आयोजित करने का मुद्दा उठा.
‘इन परिस्थितियों में आगे बढ़ना मुश्किल’
विदेश सचिव विजय गोखले ने संवाददाताओं को बताया , “ प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि उन्होंने काठमांडो ( दक्षेस सम्मेलन ) में काफी उत्साह के साथ हिस्सा लिया था लेकिन क्षेत्र में सीमा पार आतंकवाद जैसे विध्वंसकारी बलों की वजह से इन परिस्थितियों में ऐसी पहलों के साथ आगे बढ़ना मुश्किल है. ”
दक्षेस सम्मेलन हर दो साल पर क्रमानुसार इसके सदस्य राष्ट्रों द्वारा आयोजित किया जाता है. साल 2014 में दक्षेस सम्मेलन काठमांडो में आयोजित हुआ था और इसमें प्रधानमंत्री मोदी ने हिस्सा लिया था.
2016 के सम्मेलन में भारत ने शामिल होने से इनकार कर दिया था
साल 2016 का दक्षेस सम्मेलन इस्लामाबाद में आयोजित होने वाला था. लेकिन जम्मू – कश्मीर के उरी सेक्टर में भारतीय सेना के शिविर पर उसी साल 18 सितंबर को हुए आतंकवादी हमले की वजह से भारत ने सम्मेलन में शामिल होने से इनकार कर दिया. इसके बाद बांग्लादेश , भूटान और अफगानिस्तान ने भी खुद को इस सम्मेलन से अलग कर लिया. उस आतंकवादी हमले में भारत के 19 जवान शहीद हुए थे.