कोरोना वायरस के खात्मे के लिए विज्ञानी दिन-रात काम कर प्रभावी दवा या वैक्सीन बनाने के लिए प्रयासरत हैं। इसी कड़ी में अब शोधकर्ताओं की टीम ने एक ऐसी दवा का पता लगाया है, जो महज 24 घंटे में ही कोरोना का संक्रमण खत्म कर सकती है। विज्ञानियों का दावा है कि एमके-4482/ईआइडीडी-2801 नामक दवा कोरोना को पूरी तरह से खत्म करने में सक्षम है। इसे मोल्नूपीराविर के नाम से भी जाना जाता है। इस दवा के इस्तेमाल से कोरोना के मरीजों में संक्रमण फैलने से रोकने के साथ-साथ उन्हें भविष्य में होने वाली अन्य गंभीर बीमारियों से भी बचाया जा सकता है।
जॉर्जिया स्टेट यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने नई दवा का लगाया पता
जर्नल ऑफ नेचर माइक्रोबायोलॉजी में इस दवा की प्रभावशीलता के बारे में विस्तार से बताया गया है। इसमें बताया गया है कि जॉर्जिया स्टेट यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने इस दवा की पहचान की है। इस अध्ययन के लेखक रिचर्ड प्लेंपर के मुताबिक, कोरोना के इलाज के लिए गटकी जाने वाली दवाई के तौर पर यह पहली दवा है। कोरोना के इलाज में यह गेम-चेंजर साबित हो सकती है।
शोधकर्ताओं ने कहा, ‘ क्योंकि यह दवा गटक कर खाई जाने वाली है इसलिए इसके लाभ भी अन्य से तीन गुना तेजी से देखने को मिलते हैं। मरीज के लक्षणों को देखते हुए यह दवा इस्तेमाल में लाई जा सकती है।’
ऐसे किया अध्ययन
प्लेंपर ने कहा कि शुरुआती शोध में इस दवा को इंफ्लूएंजा जैसे जानलेवा फ्लू को खत्म करने में असरदार पाया गया था, जिसके बाद कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए इस पर शोध किया गया। इस दौरान विज्ञानियों ने कुछ जानवरों को पहले कोरोना से संक्रमित किया और उसके बाद जैसे ही उन जानवरों ने नाक से वायरस को छोड़ना शुरू किया, उन्हें तुरंत मोल्नूपीराविर दवा दी गई। मोल्नूपीराविर दवा देने के बाद संक्रमित जानवरों को स्वस्थ जानवरों के साथ एक ही पिंजरे में रखा गया, ताकि यह देखा जा सके कि उनमें संक्रमण फैलता है या नहीं।
इस दवा के इस्तेमाल से 24 घंटे में ही मरीज के शरीर से संक्रमण खत्म हो जाएगा
इस अध्ययन के सह लेखक जोसफ वुल्फ ने बताया कि शोध के दौरान यह पाया गया कि संक्रमित जानवरों से स्वस्थ जानवरों में संक्रमण नहीं फैला। उनका कहना है कि इस दवा का इस्तेमाल यदि संक्रमित मरीजों पर किया जाता है तो महज 24 घंटे में ही मरीज के शरीर से संक्रमण खत्म हो जाएगा।