एजेंसी/ मेरठ : मेरठ में हुए एक दर्दनाक हादसे में मोबाइल ने ही सकारात्मक भूमिका निभाते हुए एक युवक की जान बचाई। महोबा का रहने वाला मुनेश मेरठ में मजदूरी का काम करता था। बुधावर की शाम को भी वो गढ़ रोड पर एक मकान में एक मिस्त्री के साथ काम कर रहा था। तभी अचानक मकान नीचे गिर गया।
इसके कारण मुनेश मलबे में दब गया। शाम 5 बजे हुए हादसे से रात के 11 बजे मुनेश को बाहर निकाला जा सका। घटना के 5 घंटे बाद मुनेश ने अपने पिता को फोन कर कहा कि वो जिंदा है, उसे मलबे से बाहर निकालो। इससे पहले मुनेश ने अपने ठेकेदार कमालुद्दीन और पास ही स्थित गोयल धर्मकांटे पर फोन किया था।
वहां से कोई जवाब न आने के बाद मुनेश ने अपने पिता को फोन किया। पिता को फोन कर मुनेश ने कहा कि उसके फोन में बैलेंस नहीं है, उसका फोन रिचार्ज करा दें ताकि वो उन्हें बता सके कि वो कहां है। बकौल मुनेश मकान का काम खत्म हो गया था। मिस्त्री ने उसे थोड़ा सीमेंट का मसाला और बनाने के लिए कहा था।
वह मसाला बना रहा था कि तभी मकान एकदम से हिलने लगा। मकान को हिलता देख सभी बाहर की तरफ भागे। मैं भी अपना मोबाइल लेकर बाहर की तरफ भागने लगा लेकिन तभी मकान एकदम से गिर गया और मैं मलबे में दब गया। मलबे में दबने के बाद मुझे ऐसा लगा कि अब मैं नहीं बचूंगा।
बड़ी मुश्किल से उसने अपना एक हाथ बाहर निकाला और जेब से फोन बाहर निकाला। जब उसने फोन किया तो रिंग बजने लगी। मुनेश की अगले माह शादी है। उसके परिजनों ने बताया कि काम खत्म करके हम यहां से वापस चले जाएंगे। फिलहाल मुनेश का इलाज चल रहा है।
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