कृषि कानूनों के विरोध और किसानों के समर्थन में राहुल गांधी पंजाब के मोगा पहुंच गए हैं। वह यहां एक जनसभा को संबोधित करेंगे। इसके बाद यहां से विशाल ट्रैक्टर रैली निकाली जाएगी। तीन दिन की यात्रा के बाद यह रैली हरियाणा से होते हुए दिल्ली में समाप्त होगी। मंच पर कांग्रेस प्रभारी हरीश रावत के साथ पूर्व कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू भी मौजूद हैं। कैप्टन अमरिंदर सिंह ने राहुल गांधी का स्वागत किया। इस दौरान पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष सुनील जाखड़ और कांग्रेस के विधायक और सभी मंत्री भी मौजूद हैं।
सिद्धू ने कहा कि अगर लोगों में रोष और आक्रोश आ जाए तो दिल्ली की सरकार को उलटना निश्चित है। ये लिख लो। आज किसान घबराया हुआ और सड़कों पर आया हूं। पंजाब का किसान अन्न पैदा कर ही अन्नदाता बना। पंजाब को एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) की लड़ाई क्यों लड़नी पड़ी। क्योंकि पंजाब ने 80 करोड़ का पेट भरा। आज केंद्र सरकार एहसास फरामोश हो गई है। ये सरकार पूंजीपति के हाथों में सबकुछ देना चाहती है। जबरदस्ती पास किए गए ये काले कानून का विरोध करता हूं।
यह विविधता और संघीय संरचना पर हमला है। सिद्धू ने शायरी कहते हुए कहा कि जो भरा नहीं भावों से बहती जिसमें रसधार नहीं, वह ह्रदय नहीं पत्थर है जिसमें स्वदेश का प्यार नहीं…पंजाब का प्यार नहीं। ये हमारे अधिकार पर डांका डाल रहे हैं। पांच लाख मजदूर का अस्तित्व मिटा देंगे। हमारे बाप-दादे ने मिलकर ये मंडिया बनाई। जहां मंडिया नहीं है वहां किसान मजदूरी कर रहे हैं। केंद्र सरकार अमेरिका और यूरोप में फेल हुए सिस्टम को लागू कर रही है।
सोनिया गांधी ने सभी मुख्यमंत्रियों को निर्देश दिए है कि इन कानूनों को रद्द कर पंजाब का कानून बनाओ। सत्र बुलाओ और अपने कानून बनाओ। राज्य भी कानून बना सकता है। केंद्र से लड़िए और पेट के अधिकार के लिए बात कीजिए। नवजोत सिंह सिद्धू ने मंच से कहा कि अगर कानून वापस नहीं लेते तो हम क्या करेंगे। यह हमें शंभू सीमा से आगे नहीं जाने देते हैं। पंजाब सरकार अगर दूध पर एमएसपी दे सकती है तो बाकी में क्यों नहीं। यह जिम्मेदारी भी सरकार को उठानी होगी। सरकारें समस्या के हल के लिए होती हैं।
हिमाचल सरकार अगर सेब पर एमएसपी दे सकती है तो पंजाब सरकार को भी फसल पर खुद न्यूनतम समर्थन मूल्य देना होगा। एमएसपी सबसे पहले कांग्रेस ने दी थी। खाद्य सुरक्षा कांग्रेस ने दी है, तो पंजाब सरकार खुद एमएसपी दे और भंडारण की क्षमता दे। सिद्धू ने इस दौरान राहुल गांधी, सुनील जाखड़, पंजाब प्रभारी हरीश रावत का धन्यवाद किया।
बता दें कि कृषि कानूनों को लेकर इस समय पूरे पंजाब में माहौल गर्म है। इस कानून के विरोध में पंजाब की 31 किसान यूनियनें सड़कों पर उतर चुकी हैं। पंजाब के गांवों में इन कानूनों के खिलाफ भारी आक्रोश है। सभी राजनीतिक दलों की नजर अब किसानों के वोट बैंक पर है।
यही कारण है कि सत्ताधारी कांग्रेस पार्टी इस कानून के विरोध में है। ऐसे में अकाली दल भी पीछे नहीं है। हरसिमरत कौर बादल भी मंत्री पद से इस्तीफा देकर कानून के विरोध में उतर चुकी हैं। यही नहीं अकाली दल ने तो भाजपा से नाता भी तोड़ लिया है। इस समय अकाली दल भी सड़कों पर उतर चुका है। आम आदमी पार्टी भी किसानों के पक्ष में है।