मोदी सरकार के रिटायर्ड कर्मचारियों को तोहफा, मनाई दिवाली

नई दिल्ली। मोदी सरकार ने सरकारी कर्मचारियों को तो सातवें वेतन आयोग की खुशियां दे दी हैं। अब पीएम मोदी ने रिटायर्ड कर्मचारियों की भी झोली भरने की तैयारी कर दी है। मोदी सरकार ने रिटायर्ड कर्मियों को न्‍यूनतम पेंशन नौ हजार रुपये महीने देने का फैसला किया है।

201606292145337413_minimum-pension-fix-as-rupee-thousand_SECVPFपहले थी सिर्फ साढ़े तीन हजार न्‍यूनतम पेंशन

केंद्रीय कर्मचारियों को पहले सिर्फ 3500 रुपये की न्‍यूनतम पेंशन मिलती थी। नयी पेंशन न्यूनतम पेंशन से 157.14 प्रतिशत अधिक है। कार्मिक, जन शिकायत व पेंशन मंत्रालय ने पेंशनरों के लिए वेतन आयोग की सिफारिशों को स्वीकार करने संबंधी अधिसूचना जारी की है।

मोदी सरकार ने बढ़ाई ग्रेच्‍युटी

ग्रेचुटी की अधिकतम सीमा को मौजूदा दस लाख रुपये से बढाकर बीस लाख रुपये किया गया है। वेतन आयोग ने ग्रेचुटी पर सीमा में 25 प्रतिशत बढोतरी जबकि महंगाई भत्ते में 50 प्रतिशत बढ़ोतरी की सिफारिश की थी। सरकार ने इस प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है। केंद्र सरकार के लगभग 58 लाख पेंशनभोगी कर्मचारी हैं।

अधिकतम पेंशन होगी करीब सवा लाख रुपये

मंत्रालय का कहना है कि पेंशन की न्यूनतम राशि 9000 रुपये व अधिकतम राशि 1,25,000 रपये होगी। उल्लेखनीय है कि सरकार में उच्चतम वेतन एक जनवरी 2016 से 2,50,000 रुपये होगा। आदेश के अनुसार सेवानिवृत्ति ग्रेचुटी व मृत्यु के बाद मिलने वाली ग्रेचुटी की अधिकतम सीमा 20 लाख रुपये रहेगी। नयी व्यवस्था के तहत असैन्य व सैन्य बलों में निकटवर्ती परिजनों को मिलने वाली मुआवजा राशि में भी काफी वृद्धि हुई है।

मुआवजा राशि में भी हुई बढ़ोत्‍तरी

आतंकवादियों व असामाजिक तत्वों की हिंसक कार्रवाई मौत या सरकारी कामकाज के दौरान किसी दुर्घटना में मौत पर मिलने वाली मुआवजा राशि मौजूद दस लाख रुपये से बढाकर 25 लाख रुपये की गई है। इसी तरह आतंकवादियों या उग्रवादियों, समुद्री लुटरों के खिलाफ कार्रवाई के दौरान मौत या बहुत उंचाई पर, दुर्गम सीमा चौकियों पर ड्यूटी प्राकृतिक आपदाओं, प्रतिकूल मौसमी हालात के कारण मौत पर मिलने वाली मुआवजा राशि को 35 लाख रपये किया गया है जो पहले 15 लाख रुपये थी।

शहीद होने पर मिलेंगे 45 लाख रुपये

युद्ध या युद्ध जैसे हालात में दुश्मन की कार्रवाई में किसी सरकारी कर्मचारी की मौत पर उसके परिजनों को अब 45 लाख रुपये मिलेंगे जबकि पहले यह राशि बीस लाख रुपये थी। नियत चिकित्सा भत्ते व लगातार हाजिरी भत्ते पर आयोग की सिफारिशों पर विचार क लिए सचिवों की एक समिति गठित की गई है।

 

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