भारत सरकार ने बुधवार को बताया कि देश में 1,197 शहर खुले में शौच से मुक्त बन गए हैं और इनमें से 955 शहरों को इस संबंध में किसी तीसरे पक्ष ने प्रमाणित किया है। आवास एवं शहरी कार्य राज्य मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा, ‘‘स्वच्छ भारत मिशन-शहरी के तहत 35 लाख परिवारों ने व्यक्तिगत शौचालयों का निर्माण कराया है और 16 लाख अन्य शौचालय निर्माणाधीन है।
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उन्होंने कहा, दो अक्तूबर, 2019 तक सभी परिवारों को व्यक्तिगत या सामुदायिक शौचालय उपलब्ध कराना है। इस लक्ष्य को हासिल करने तक शौचालयों का निर्माण जारी रहेगा। मंत्री ने कहा, अब तक 1,197 शहर खुले में शौच से मुक्त बन गए हैं जिनमें से 955 शहर को तीसरे पक्ष द्वारा प्रमाणित किया गया है।
इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को उत्तर प्रदेश और आंध्र प्रदेश के दो गांवों के खुले में शौच से मुक्त होने और ‘स्वच्छ भारत’ अभियान के तहत दूसरे क्षेत्रों के लिए उदाहरण कायम करने को लेकर सराहना की। प्रधानमंत्री ने 17.5 लाख रुपये की सरकारी सहायता लौटाने और अपने बलबूते पर शौचालयों का निर्माण करने के लिए यूपी के बिजनौर जिले के एक छोटे से गांव की सराहना भी की थी।
उन्होंने कहा, उत्तर प्रदेश के एक छोटे से मुस्लिम बहुल गांव मुबारकपुर के लोगों ने जिस प्रकार अपने गांव को खुले में शौच से मुक्त कर लिया, उससे मैं खुश हूं, साथ ही हैरान भी। उन्हें शौचालयों के निर्माण के लिए 17 लाख रुपये की सरकारी सहायता मिली, लेकिन उन्होंने उसे लौटा दिया। मोदी ने साथ ही आंध्र प्रदेश के विजयनगरम जिले के ग्रामीणों की भी सराहना की, जिन्होंने 71 गांवों के लिए 100 घंटों में 10,000 शौचालयों का निर्माण कर रिकॉर्ड बनाया था।
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