'मोदी लहर' में भी जहां से सपा ने हासिल की जीत, उस सीट पर इस बार टिकी हैं सबकी निगाहें

‘मोदी लहर’ में भी जहां से सपा ने हासिल की जीत, उस सीट पर इस बार टिकी हैं सबकी निगाहें

सपा की पहली सूची में परंपरागत सीटों पर सैफई परिवार के चेहरों को ही जगह दी गई है। मैनपुरी से सपा संरक्षक एवं पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव पांचवीं बार किस्मत आजमाएंगे। फिरोजाबाद से सपा प्रमुख महासचिव रामगोपाल यादव के पुत्र अक्षय यादव दूसरी बार मैदान में उतरेंगे। 'मोदी लहर' में भी जहां से सपा ने हासिल की जीत, उस सीट पर इस बार टिकी हैं सबकी निगाहें

फिरोजाबाद सीट पर चाचा-भतीजे के बीच मुकाबला होगा। प्रसपा से अक्षय यादव के चाचा शिवपाल यादव भी ताल ठोकेंगे। वो चुनाव लड़ने का एलान कर चुके हैं, वहीं अगर कांग्रेस ने यहां से अपना प्रत्याशी उतारा तो मुकाबला त्रिकोणीय होने की संभावना हैं। 

शुरुआती चुनावों में यह सीट कभी किसी एक पार्टी के हक में नहीं रही, लेकिन पिछले पांच चुनावों की बात करें तो चार बार यहां से सपा जीत चुकी है। हालांकि 2009 के उपचुनाव में कांग्रेस के राजबब्बर ने सपा की डिंपल यादव का करारी शिकस्त दी थी।  

इसलिए दिलचस्प होगा मुकाबला

जाट और मुस्लिम वोटरों के वर्चस्व वाली फिरोजाबाद सीट पर इस बार सबकी निगाहें टिकी हैं। सपा-बसपा गठबंधन और शिवपाल यादव के चुनाव लड़ने के एलान से 2019 का मुकाबला यहां और दिलचस्प हो गया है। माना जा रहा है कि कांग्रेस भी यहां अपना प्रत्याशी उतारेगी। 

बात करें भाजपा की तो 1991 के बाद लगातार तीन बार यहां भाजपा ने जीत की हैट्रिक लगाई थी, लेकिन पिछले चुनाव में मोदी लहर के बावजूद फिरोजाबाद सीट से भाजपा के एसपी सिंह बघेल नहीं जीत सके। उनका दूसरा नंबर रहा। जाहिर है कि भाजपा इस बार भी यहां से अपना प्रत्याशी उतारेगी। 

फिरोजाबाद लोकसभा क्षेत्र में कुल पांच विधानसभा सीटें आती हैं। इनमें टुंडला, जसराना, फिरोजाबाद, शिकोहाबाद और सिरसागंज सीटें शामिल हैं। 2017 के विधानसभा चुनाव में इसमें से सिर्फ सिरसागंज की सीट पर समाजवादी पार्टी ने बाजी मारी थी और बाकी सीटें भाजपा के खाते में गई थीं।

जातिगत आंकड़े

जातिगत आंकड़ा पर नजर डालें तो फिरोजाबाद क्षेत्र में करीब 15 फीसदी से अधिक मुस्लिम जनसंख्या है, जो यहां पर निर्णायक स्थिति में हैं। 2019 के चुनाव में भी इस सीट पर मुस्लिम, जाट और यादव वोटरों का समीकरण बड़ी भूमिका निभा सकता है। क्योंकि इस बार यादव और मुस्लिम वोट बिखर सकते हैं। 

कांग्रेस प्रत्याशी और शिवपाल के उतरने से जहां मुस्लिम वोट बंटेगा तो वहीं सपा का परंपरागत वोट बैंक भी खिसक सकता है। दोनों तरफ से सपा को नुकसान हो सकता है। ऐसे में अपने ही गढ़ में सपा सांसद अक्षय यादव की राह चुनौती भरी हो सकती है। 

2014 चुनाव के नतीजे
अक्षय यादव ( सपा )  – 534583
एसपी सिंह बघेल ( भाजपा) – 420524
ठाकुर विश्वदीप सिंह (बसपा)  – 118909
अतुल चतुर्वेदी ( कांग्रेस )  – 7447

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