केंद्र सरकार इस दिन को सुशासन दिवस के रूप में मना रही है. सिक्का जारी करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हमारा मन आज भी नहीं मानता है कि अटलजी हमारे बीच में नहीं हैं, राजनीतिक मंच से करीब एक दशक दूर रहने के बावजूद भी देश ने इतने शानदार तरीके से उन्हें विदाई दी वह काफी खास है. पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती से एक दिन पूर्व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके सम्मान में 100 रुपये का स्मारक सिक्का जारी किया. 25 दिसंबर को अटल बिहारी वाजपेयी को 95वां जन्मदिवस है,

प्रधानमंत्री ने कहा कि सिद्धांतों और कार्यकर्ता के बल पर अटलजी ने इतना बड़ा राजनीतिक संगठन खड़ा किया और काफी कम समय में देशभर में उसका विस्तार भी किया. उन्होंने कहा कि अटलजी के बोलने का मतलब देश का बोलना और सुनने का मतलब देश को सुनना था. उन्होंने कहा कि अटलजी ने लोभ और स्वार्थ की बजाय देश और लोकतंत्र को सर्वोपरि रखा और उसे ही चुना.
कार्यक्रम में पीएम मोदी बोले कि अटलजी का सिक्का हमारे दिलों पर 50 साल चला और आगे भी चलेगा. उन्होंने कहा कि अटलजी ने जो चाहा है उसे हर हाल में पूरा करेंगे. उन्होंने कहा कि वाजपेयी जी हमेशा लोकतंत्र को मजबूत करना चाहते थे, यही कारण रहा कि जब जरूरत पड़ी तो उन्होंने भारतीय जनता पार्टी का गठन किया.
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज कुछ लोगों के लिए सत्ता ऑक्सीजन की तरह है, वो सत्ता के बिना नहीं रह सकते हैं. लेकिन अटलजी के राजनीतिक कार्यकाल का अधिकतर समय विपक्ष में बीता और उन्होंने कभी भी अपनी विचारधारा से समझौता नहीं किया.
आपको बता दें कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का जन्म 25 दिसंबर, 1924 को मध्य प्रदेश के ग्वालियर में हुआ था. वहीं, इसी साल 16 अगस्त को 94 साल की उम्र में उनका देहांत हो गया था. अटल बिहारी वाजपेयी 2009 से ही लंबी बीमारी से जूझ रहे थे और पिछले करीब 8-9 साल से राजनीति से दूर थे.
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