मोदी का चुनावी रथ: सिर्फ प्रचार कार नहीं, सुविधाओं और सुरक्षाओं का किला है

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने चुनावी अभियान में लगातार ताबड़तोड़ रोड शो कर रहे हैं। जिस चुनावी रथ पर वह रोड शो करते हैं वह साधारण कार नहीं होती है बल्कि सुरक्षा और सुविधाओं से पूरी तरह लैस होती है। कार बुलेट एवं बम प्रूफ भी होती है। पुलिस उप अधीक्षक रेंक के अधिकारी उस कार के चालक होते हैं।

 प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पिछले दिनों अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी में रोड शो किया था। अब कोलकाता में मंगलवार को रोड शो प्रस्तावित है। केसरिया रंग में सजा उनका चुनावी रथ कोई सामान्य कार नहीं होती है, बल्कि चुनावी प्रबंधन, जनसंपर्क, क्राउड मैनेजमेंट और किसी भी तरह के हमले से सुरक्षा के उपायों से लैस होती है। इसके लिए ईसुजू कंपनी के डी-मैक्स माडल का उपयोग किया जा रहा है।

नवंबर 2022 में पीएम मोदी ने अहमदाबाद में 45 किलोमीटर का रोड शो किया। इसमें ईसुजू कंपनी के डी-मेक्स मडल कार का उपयोग किया गया। इस रोड शो का लाभ यह हुआ कि जनता को जनसभा स्थल पर लाने-बुलाने की जरूरत नहीं पड़ी बल्कि उनका प्रिय नेता उनके सम्मुख था। एक समय में हजारों लोगों से जुड़े।

20 कारें की गई हैं तैयार

लोग हाथ हिलाते तो मोदी भी उनके अभिवादन को स्वीकारत कर रहे थे। रोड शो के समीस से गुजरते लोग भी आकर्षित होते। इससे नेता और जनता के बीच आत्मीयता प्रगाढ़ होती गई। इसकी उपयोगिता को देखने के बाद ऐसी 20 कारें तैयार कराई गईं।

ये हैं खूबियां

  • अहमदाबाद में कार को तैयार कराने व मोदी के रोड शो के आयोजन से जुड़े एक भाजपा नेता बताते हैं कि फाइ सीटर कार के निचले हिस्से में 25 एमएम की धातु की प्लेट लगी है, जो इसे बम धमाके से सुरक्षा प्रदान करती है।
  • कार के पीछे की तरफ पीएम मोदी के खड़े होने की जगह दोनों ओर 5-5 एमएम की प्लेटें लगी हैं, जो बुलेट प्रूफ हैं।
  • कार के भीतर एनएसजी कमांडो व एक अतिरिक्त चालक होता है, जबकि मोदी के अगल-बगल में एक-एक तथा पीछे चार नेता खड़े हो सकते हैं।
  • पीएम मोदी के लिए उनके खड़े होने की जह छह इंच का एक पटा (स्टूल) लगा होता है, ताकि वह उस पर खड़े होने के बाद लोगों के साथ बेहतर तरीके से संपर्क कर सकें।
  • पीएम मोदी के चेहरे के सामने एसी पैनल व एलईडी लगी होती है, जिससे भीषण गर्मी व रात के समय में भी आसानी से रोड शो किया जा सके। कार पर आगे व दोनों ओर केवल पीएम मोदी का ही फोटो होता है।

प्रत्येक रोड शो के बाद होती है सर्विस 

प्रत्येक रोड शो के बाद इसे सर्विस के लिए सर्विस सेंटर में भेज दिया जाता है। उपयोग नहीं होने पर इसे प्रदेश के भाजपा कार्यालय में रखा जाता है, जहां इसके रखरखाव की जिम्मेदारी प्रदेश महामंत्री स्तर का नेता संभालता है।

इन राज्यों में मोदी ने किए रोड शो

केरल, तमिलनाडु, तेलंगाना, ओडिशा, बंगाल, गुजरात, राजस्थान, मध्य प्रदेश, दिल्ली, हिमाचल प्रदेश, बिहार, उत्तर प्रदेश आदि राज्यों में मोदी इन कारों से रोड शो कर चुके हैं। अहमदाबाद में एक रोड शो केंद्रीय ग्रह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह भी कर चुके हैं।

स्थानीय इकाई के हाथ होती है रणनीति की जिम्मेदारी

रोड शो की रणनीति पार्टी की स्थानीय इकाई बनाती है। रोड शो से पूर्व पार्टी के स्थानीय लोग रूट पर पैदल चलते हैं और हर हिस्से का मुआयना करते हैं। सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए जाते हैं। एसपीजी की टीम पैदल पूरे रोड शो में चलती है। वाराणसी में रोड शो के दौरान जो कार आई थी, उसके चालक लखनऊ के अमित गुप्ता थे। रोड शो से तीन दिन पहले यह कार पहुंच जाती है। लखनऊ पार्टी मुख्यालय में इस प्रकार की तीन कारें रखी गई हैं।

“जिस नेता ने दुनिया में भारत का नाम ऊंचा किया, उनका सारथी बनना गर्व व सौभाग्य की बात है। रथ का संचालन रोड शो के मूवमेंट, लोगों के उत्साह, स्वागत के तरीकों व लोगों की भागीदारी के अनुसार करना पड़ता है।”

-नरेंद्र व भाविन (मोदी के इस रथ के चालक)

“जो बुजुर्ग, बच्चे या घर की माताएं-बहनें किसी सभा स्थल तक नहीं जा पाते अपने बेहद करीब अपने नेता को देखकर आह्लादित हो जाते हैं। फूल की पंखुड़ियां जिनके माथे पर पड़ती हैं वह अहोभाव से भर जाता है। इसका व्यापक असर उनके मन मस्तिष्क तक पहुंचता है। रोड शो में करीब पांच टन फूल का इस्तेमाल होता है। कारवां करीब पौने किलोमीटर लंबा होता है।”

-अशोक तिवारी, मेयर, वाराणसी ( बनारस में मोदी के रोड शो का प्रबंधन देखने वाले)

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