मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता कमलनाथ ने हाल में ही राजनीति से आराम लेने की बात कही था, जिसे उनके राजनीतिक संन्यास से जोड़कर देखा जा रहा था. अब कमलनाथ ने साफ कर दिया है कि वह दिल्ली नहीं जा रहे हैं और न ही आराम कर रहे हैं. गुरुवार को कमलनाथ ने कहा कि पार्टी हाईकमान जो भी फैसला करेगी, वह मुझे मंजूर है.

पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता कमलनाथ ने गुरुवार को कहा कि मैं दिल्ली नहीं जाऊंगा. मैं आराम नहीं करूंगा. मैंने कभी किसी पद के लिए आवेदन नहीं किया था. पार्टी का नेतृत्व जो भी निर्णय लेगी और वो मेरे लिए स्वीकार्य होगा, लेकिन मैं मध्य प्रदेश में ही रहूंगा.
बता दें कि कमलनाथ मध्य प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष भी हैं और सत्ता गंवाने के बाद विधानसभा में विपक्ष के नेता का दायित्व भी उनके ही पास है. ज्योतिरादित्य सिंधिया के पार्टी छोड़ने के बाद मुख्यमंत्री की कुर्सी गंवाने वाले कमलनाथ उपचुनाव में कांग्रेस की करारी हार के बाद अपनी ही पार्टी में घिरे हुए हैं.
बीते दिनों कमलनाथ ने अपने गढ़ छिंदवाड़ा में समर्थकों को संबोधित करते हुए कहा कि वे अब आराम चाहते हैं. सत्ता गंवाने के बाद उपचुनाव में भी कांग्रेस की करारी हार से बैकफुट पर चल रहे कमलनाथ के इस बयान से उनके राजनीति से संन्यास लेने की अटकलें लगाई जाने लगी थी.
सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कमलनाथ के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि हम किसी को संन्यास नहीं दिलाएंगे. उन्होंने कहा था कि यह तो उनकी मर्जी है कि घर बैठना है या संन्यास लेना है. यह उनके घर का मामला है, अंदर का मामला है. इस पर वह खुद विचार करें.
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