चिराग पासवान ने कहा, ‘मेरा मानना है कि बिहार के मुख्यमंत्री ने नीतियों को लागू करना बंद कर दिया और संतृप्त हो गए। उन्होंने युवा नेताओं को खारिज कर दिया, उन्हें अनुभवहीन कहा लेकिन खुद उन्होंने खुद जेपी आंदोलन के दौरान एक युवा कार्यकर्ता के तौर पर राजनीति शुरू की थी।

हम भी बिहार के लिए जागरूक हैं और अच्छा सोच सकते हैं। राज्य ने उन्हें पहले ही 15 साल दे दिए हैं। मुझे मोदी जी का सम्मान क्यों नहीं करना चाहिए। मेरे पिता के आईसीयू में भर्ती होने पर केवल उन्होंने मेरा साथ दिया था।
मुख्यमंत्री लोजपा और भाजपा के बीच दूरी को चित्रित करने के लिए उत्सुक हैं। मैं यह कहकर इस डर को दूर करना चाहूंगा कि मैं भाजपा नेताओं, यहां तक की प्रधानमंत्री द्वारा मेरी आलोचना करने का स्वागत करुंगा।’
लोजपा अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री नीतीश पर निशाना साधते हुए कहा, ‘आदरणीय नीतीश कुमार जी ने प्रचार का पूरा जोर मेरे और प्रधानमंत्री जी के बीच दूरी दिखने में लगा रखा है। बंटो और राज करो की नीति में माहिर मुख्यमंत्री जी हर रोज मेरे और भाजपा के बीच दूरी बनाने का प्रयास कर रहे हैं।
मेरे और प्रधानमंत्री जी के रिश्ते कैसे हैं मुझे यह प्रदर्शन करने की जरूरत नहीं है। पापा जब अस्पताल में थे तब से लेकर उनकी अंतिम यात्रा तक उन्होंने मेरे लिए जो कुछ किया उसे मैं कभी नहीं भूल सकता।
मैं नहीं चाहता की मेरी वजह से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी किसी धर्मसंकट में पड़े। वे अपना गठबंधनधर्म निभाएं। आदरणीय मौजूदा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी को संतुष्ट करने के लिए मेरे खिलाफ भी कुछ कहना पड़े तो निस्संकोच कहें।’
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