मैं चुनाव आयोग के फैसले पर 10 नवंबर के बाद ही टिप्पणी करूंगा : कमलनाथ

मध्यप्रदेश में 28 सीटों के लिए उपचुनाव होने हैं। इसी बीच अपने बयानों के कारण सुर्खियों में छाए रहने वाले सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के स्टार प्रचारक के दर्जे को चुनाव आयोग ने खत्म कर दिया है। इसपर शनिवार को उन्होंने कहा कि मैं आयोग के फैसले पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहता। 10 नवंबर के बाद कहूंगा।

कमलनाथ ने आयोग के फैसले पर कहा, ‘स्टार प्रचारक न तो कोई पद है और न ही कोई दर्जा। मैं चुनाव आयोग के फैसले पर टिप्पणी नहीं करना चाहता, केवल 10 नवंबर के बाद टिप्पणी करूंगा। अंत में जनता सबसे ज्यादा मायने रखती है और वो सब कुछ जानती है।’

 बता दें कि विधानसभा सीटों के उपचुनाव के लिए प्रचार के दौरान आदर्श आचार संहिता का बार-बार उल्लंघन को लेकर चुनाव आयोग ने कांग्रेस नेता कमलनाथ का ‘स्टार प्रचारक’ का दर्जा शुक्रवार को रद्द कर दिया। आयोग ने अपने आदेश में कहा, ‘आदर्श आचार संहिता के बार-बार उल्लंघन और उन्हें (कमलनाथ को) जारी की गई सलाह की पूरी तरह से अवहेलना को लेकर आयोग मध्यप्रदेश विधानसभा के वर्तमान उपचुनावों के लिए मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ का, राजनीतिक दल के नेता (स्टार प्रचारक) का दर्जा तत्काल प्रभाव से समाप्त करता है।’

आयोग ने कहा कि कमलनाथ को स्टार प्रचारक के रूप में प्राधिकारियों द्वारा कोई अनुमति नहीं दी जाएगी। उन्होंने कहा, ‘हालांकि, अब से यदि कमलनाथ द्वारा कोई चुनाव प्रचार किया जाता है तो यात्रा, ठहरने और दौरे से संबंधित पूरा खर्च उस उम्मीदवार द्वारा वहन किया जाएगा जिसके निर्वाचन क्षेत्र में वह चुनाव प्रचार करेंगे।’

स्टार प्रचारक का खर्च राजनीतिक पार्टी उठाती है जबकि अन्य प्रचारकों का खर्च उम्मीदवार वहन करते हैं। चुनाव आयोग ने कहा कि उसने इस मामले पर गंभीरता से विचार किया है और अप्रसन्नता के साथ महसूस किया कि एक राजनीतिक दल का नेता होने के बावजूद कमलनाथ बार-बार आदर्श आचार संहिता के प्रावधानों तथा नैतिक और गरिमामय व्यवहार का उल्लंघन कर रहे हैं।

आयोग ने मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के खिलाफ उनकी टिप्पणी का उल्लेख किया। उन्होंने एक हालिया चुनावी कार्यक्रम में राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी के खिलाफ माफिया और मिलावट खोर शब्दों का इस्तेमाल किया था। आयोग ने पिछले हफ्ते कमलनाथ को चुनाव प्रचार में आइटम जैसे शब्दों का उपयोग नहीं करने को कहा था।

उन्होंने एक रैली में मंत्री और भाजपा उम्मीदवार इमरती देवी पर निशाना साधने के लिए इस शब्द का इस्तेमाल किया था। यह पहला मौका नहीं है, जब चुनाव आयोग ने राजनीतिक दलों के नेताओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की है। आयोग ने पिछले दिल्ली चुनावों में केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर और स्थानीय सांसद प्रवेश वर्मा को स्टार प्रचारक की सूची से हटा दिया था।

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com