मेहुल चोकसी मामले में भारत सरकार ने बेल्जियम के न्याय मंत्रालय और न्यायिक अधिकारियों को एक औपचारिक आश्वासन पत्र दे दिया है। इसमें उन शर्तों का विवरण दिया गया है, जिनके तहत बैंक धोखाधड़ी मामले में वांछित भारतीय व्यवसायी मेहुल चोकसी को बेल्जियम से भारत प्रत्यर्पित किए जाने पर हिरासत में लिया जाएगा। गृह मंत्रालय की ओर से जारी आश्वासनों में प्रत्यर्पण कार्यवाही में उठाए गए मानवाधिकारों की चिंताओं को दूर करने के मकसद से खास सामग्री, चिकित्सा और प्रक्रियात्मक सुरक्षा उपाय निर्धारित किए गए हैं। इन आश्वासनों के लिए महाराष्ट्र सरकार और जेल अधिकारियों से भी परामर्श लिया गया था। ये आश्वासन केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के एक मामले में मेहुल चोकसी के आत्मसमर्पण के भारत के अनुरोध के संबंध में पेश किए गए।
भारतीय कानून की अलग-अलग धाराओं के तहत आरोपी
मेहुल चोकसी भारतीय कानून की अलग-अलग धाराओं और प्रावधानों के तहत आरोपी है, जिसमें भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 120-बी (आपराधिक षड्यंत्र), धारा 409, 420, 477ए और 201, भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम (पीओसीए), 1988 की प्रासंगिक धाराएं शामिल हैं। भारतीय अधिकारियों के औपचारिक अनुरोध के बाद मेहुल चोकसी को अप्रैल में बेल्जियम में गिरफ्तार किया गया था। वह और उसका भतीजा नीरव मोदी पीएनबी धोखाधड़ी मामले में मुख्य आरोपी हैं, जिसमें धोखाधड़ी वाले लेनदेन शामिल हैं।