वर्ष 2019 शनि प्रधान माना जा रहा है यानी पूरे साल उनके प्रभाव दिखाई देंगे। 15 दिसंबर 2018 से अस्त शनि 19 जनवरी को उदय हो रहे हैं। 33 दिन बाद उदित हुए शनि 27 दिसंबर तक दिव्य स्वरूप में रहेंगे।
शनिदेव 30 अप्रैल से वक्री होंगे। इसलिए चार महीने उनके प्रभाव को महसूस करने लिए खास हैं। पूरे साल राजनीतिक, न्यायिक और संवैधानिक क्षेत्रों में शनि का प्रभाव दिखाई देगा।
शनि 15 दिसंबर 2018 को अस्त हुए थे। 33 दिन बाद 19 जनवरी 2019 को सुबह 8.28 बजे उदय होंगे। शनि के उदय से ही शुभ कार्यों में गति आएगी। हालांकि धनु संक्रांति का मलमास 14 जनवरी को समाप्त होने के बाद से ही मांगलिक कार्यों की शुरुआत हो चुकी है। शनि अपने वलय की ऊर्जा से उदय या अस्त होते हैं। इस बार शनि के अस्त होने का समय 33 दिन रहा है।
उदय के बाद वे 27 दिसंबर 2019 तक दिव्य अवस्था में रहने से एवं वर्ष भर अधिक प्रभावी रहने से शनि से संबंधित प्रभावों को आंका जा सकेगा। शनि कार्य की ऊर्जा बढ़ाते हैं, न्याय, परिश्रम को पसंद करते हैं और भाग्योदय करते हैं। वे सड़क, मशीनरी, विभागीय तंत्र आदि के कारक तत्व हैं।
उनके मार्गी और वक्री होने से मध्य वर्ष में प्रभाव अधिक रहेगा। वर्तमान में शनि धनु राशि पर गोचरस्थ है तथा 30 अप्रैल तक मार्गी रहेंगे व इसके बाद वक्री होंगे। उदय काल से शनि राहु का षड़ाष्टक योग बन रहा है। यह राजनीतिक दृष्टिकोण से परिवर्तन और उठापटक वाला माना जाता है।
उनके मार्गी और वक्री होने से मध्य वर्ष में प्रभाव अधिक रहेगा। वर्तमान में शनि धनु राशि पर गोचरस्थ है तथा 30 अप्रैल तक मार्गी रहेंगे व इसके बाद वक्री होंगे। उदय काल से शनि राहु का षड़ाष्टक योग बन रहा है। यह राजनीतिक दृष्टिकोण से परिवर्तन और उठापटक वाला माना जाता है।
19 जनवरी से 19 फरवरी तक परिवर्तन के प्रबल योग रहेंगे। मार्च में स्थितियां बदलेंगी। शनि का प्रभाव कारखानों के लिए लाभकारी रहेगा। परिश्रम करने वालों को लाभ होगा। रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। शनि न्याय के लिए जाने जाते हैं।