एक्ट्रेस स्वरा भास्कर का कहना है कि एक डायरेक्टर ने उनका यौन उत्पीड़न (Sexual Harassment) किया और इस बात को समझने में उन्हें 6-8 साल लग गए. एक्ट्रेस ने बिना किसी का नाम लिए हुए कहा कि कार्यस्थल पर उनके साथ गलत हरकत हुई थी और उनका शोषण करने वाला व्यक्ति एक डायरेक्टर था.
स्वरा ने कहा, ‘‘ मुझे यह महसूस करने में 6-8 साल लग गए. जब मैंने किसी और को इस इस तरह के खराब अनुभव के बारे में एक पैनल में बात करते हुए सुना तब जाकर मुझे इसका अहसास हुआ कि मेरे साथ तीन साल पहले जो हुआ था वह यौन उत्पीड़न था.’
एक्ट्रेस का कहना है कि लड़कियों को यौन उत्पीड़न वाले व्यवहार को पहचानने की शिक्षा नहीं दी जाती है. प्राइव एचडी पर हार्वे वाइन्स्टीन के जीवन पर आयोजित एक पैनल चर्चा में भास्कर बोल रही थीं. एक्ट्रेस दिया मिर्जा, आनंद पटवर्धन भी इस चर्चा में शामिल थे.
इससे पहले स्वरा भास्कर ने कहा था कि कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न महामारी की तरह है और वह फिल्म और टेलीविजन उद्योग के जरिए इस संबंध में जागरूकता लाने की उम्मीद करती हैं. अभिनेत्री शुरू से भारत के हैशटैगमीटू मूवमेंट की समर्थक रही हैं.
‘सिने एंड टीवी आर्टिस्ट्स एसोसिएशन’ (सिंटा) ने हाल ही में ऐलान किया कि वह मनोरंजन उद्योग में यौन उत्पीड़न जैसे मामलों से निपटने के लिए समिति गठित करेगा और स्वरा भास्कर, रेणुका शहाणे और रवीना टंडन जैसी अभिनेत्रियां इसकी सदस्य होंगी.
समिति में अपनी भूमिका के बारे में स्वरा ने कहा, “मैं सिंटा द्वारा गठित सह-समिति का हिस्सा हूं जो कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न के खिलाफ इसके सदस्यों द्वारा जागरूकता वर्कशॉप आयोजित करेगा. हमारे मनोरंजन उद्योग में कुल 24 यूनियन हैं और इसके पांच लाख से ज्यादा सदस्य हैं, तो हम इस मुद्दे पर इन यूनियनों के साथ काम करने की कोशिश करेंगे.”
यहां वेडिंग जंक्शन शो 2018 में शामिल होने आईं अभिनेत्री ने कहा, “जब आप हैशटैगमीटू की कहानियां सुनते हैं तो फिर आपको अहसास होता है कि कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न के मामले महामारी की तरह हैं. यह एक बीमारी की तरह है इसलिए इस सह-समिति द्वारा जागरूकता लाना बेहद जरूरी है.