नरभक्षी बाघिन अवनि (टी-1) को मारे जाने की केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी द्वारा आलोचना पर महाराष्ट्र के वन मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने सोमवार को कड़ी आपत्ति व्यक्त की। उन्होंने कहा कि केंद्रीय मंत्री के पास इस मामले में जानकारी का अभाव है, लेकिन फिर भी अगर वह चाहें तो सुप्रीम कोर्ट के वर्तमान या सेवानिवृत्त न्यायाधीश से इसकी जांच कराई जा सकती है।
पिछले दो साल में 13 लोगों की मौत के लिए जिम्मेदार अवनि को शार्प शूटर असगर अली ने यवतमाल जिले के बोराती वन में मार गिराया था। इस पर मेनका गांधी ने रविवार को ट्वीट कर कहा था, ‘यह और कुछ नहीं बल्कि सीधे-सीधे अपराध का मामला है। कई पक्षों द्वारा अनेकों बार अनुरोध किए जाने के बावजूद महाराष्ट्र के वन मंत्री मुनगंटीवार ने उसे मारने के आदेश दे दिए।’
उन्होंने यह भी कहा था कि वह इस मामले को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस के समक्ष उठाएंगी। जवाब में मुनगंटीवार ने जोर देकर कहा कि मंत्री के तौर पर न तो उनके पास और न ही उनके विभाग के किसी सचिव के पास मारने का ऐसा कोई आदेश देने का अधिकार है। ऐसे फैसले राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) के दिशा-निर्देशों के अनुसार लिए जाते हैं।
बाघिन ने पिछले दिनों पांच लोगों को मार डाला था जिसके बाद उसे पकड़ने के आदेश दिए गए थे। वन मंत्री ने कहा, ‘वन विभाग बाघिन का दुश्मन नहीं है। उसने उन लोगों पर हमला कर दिया था जो उसे बेहोश करने की कोशिश कर रहे थे और इस दौरान वह मारी गई।’ उन्होंने कहा कि अगर असगर अली के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं तो केंद्रीय मंत्री के तौर पर वह उसकी गिरफ्तारी का आदेश दे सकती हैं। महाराष्ट्र के वन विभाग का उससे कोई लेना-देना नहीं है।
प्रक्रियागत खामी की जांच होगी
सीएम मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने कहा है कि अवनि के मारे जाने में अगर कोई प्रक्रियागत खामी है तो उसकी जांच कराई जाएगी। इसकी भी जांच कराई जाएगी कि बाघिन को पहले बेहोशी का इंजेक्शन (डार्ट) लगा या उसे पहले गोली मारी गई। साथ ही उन्होंने कहा कि केंद्रीय मंत्री (मेनका गांधी) ने इस मामले में बेहद कड़े शब्दों का इस्तेमाल किया है।
शिवसेना और राहुल ने साधा निशाना
बाघिन के मारे जाने को किसानों की मौत से जोड़ते हुए शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा कि विदर्भ क्षेत्र में कई किसानों की जहरीले कीटनाशक सूंघ लेने की वजह से मौत हो गई, लेकिन इस मामले में किसी को ऐसी सजा नहीं दी गई जैसी बाघिन को दी गई। वहीं, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को उद्धत करते हुए ट्वीट किया, ‘किसी राष्ट्र की महानता इस बात से तय होती है कि वहां पशुओं के साथ कैसा व्यवहार होता है।’
हर्षवर्द्धन राहुल के ट्वीट के जवाब में केंद्रीय पर्यावरण मंत्री हर्षवर्द्धन ने कहा कि सरकार को राहुल गांधी से प्रमाणपत्र की जरूरत नहीं है। जितनी गंभीरता और ईमानदारी से यह सरकार काम कर रही है, इससे पहले किसी सरकार ने ऐसे काम नहीं किया था।