मूड स्‍व‍िंग्‍स और वजन बढ़ने से हैं परेशान? Hormonal Imbalance हो सकती है वजह

हमारे शरीर को सही ढंग से काम करने के ल‍िए कई चीजों का सहारा लेना पड़ता है। Hormones भी उन्‍हीं में से एक है। ये हमारे शरीर में केमिकल मैसेंजर की भूम‍िका नि‍भाते हैं। ये हमारे शरीर के अंगों को मैसेज पहुंचाते हैं क‍ि कब क‍िसे और कैसे काम करना है। ऐसे में इनका हमारे शरीर में सही संतुलन होना जरूरी है। इनके ड‍िस्‍बैलेंस होने पर हमें कई तरह की समस्‍या हो सकती हैं।

आपको बता दें क‍ि हार्मोन्स के असंतुल‍ित हाेने से इंफर्टिलिटी, एक्ने, डायबिटीज, थायरॉइड, अनियमित माहवारी, पीसीओडी जैसी दि‍क्‍कतें हो सकती हैं। आज का हमारा लेख भी इसी व‍िषय पर है। हम आपको बताएंगे क‍ि हार्मोन के असंतुल‍ित होने पर आपके शरीर में कौन-कौन से लक्षण नजर आते हैं। साथ ही इनके कारणों के बारे में भी जानेंगे। तो आइए जानते हैं व‍िस्‍तार से –

हार्मोनल असंतुलन के ये हैं लक्षण
बार-बार थकान महसूस होना
अचानक से वजन का बढ़ जाना या कम हो जाना
भूख ज्यादा या बहुत कम लगना
बार-बार मूड स्‍व‍िंग होना
चिड़चिड़ापन
बहुत पसीना आना या ठंड ज्यादा लगना
चेहरे पर मुंहासे निकलना
महिलाओं में पीरियड्स का बिगड़ना या रुक जाना
बालों का झड़ना या अनचाहे जगहों पर बाल आना
पुरुषों में कमजोरी महसूस होना
सेक्स में रुचि न लेना
नींद न आना या बहुत ज्यादा नींद आना

इन कारणों से होता है हार्मोनल असंतुलन?
नींद पूरी न होना
तनाव लेना
गलत खानपान
ज्‍यादा दवाइयां लेना
प्रेग्‍नेंसी
पीरियड्स या मेनोपॉज
थायरॉयड की समस्या
डायबिटीज
महिलाओं में PCOS जिसमें पीरियड्स अनियमित हो जाते हैं
पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन की कमी होने पर
कभी-कभी हार्मोन की गड़बड़ी शरीर में कोई गांठ या अंदरूनी चोट के कारण भी हो सकती है।

क्या इससे वजन बढ़ सकता है?
क्‍लीवलैंड क्‍लीनि‍क के मुताब‍िक, कई बार हार्मोन के कारण वजन तेजी से बढ़ने लगता है। जैसे थायरॉयड कम हो जाने पर ये द‍िक्‍कतें हाे सकती हैं। या तनाव लेने से शरीर में ज्यादा फैट जमने लगता है। वहीं मेनोपॉज के दौरान भी हार्मोन बदलने से वजन बढ़ना आम हो जाता है।

लक्षण दिखने पर क्‍या करें?
अगर आपको ऊपर बताए गए लक्षणों में से कुछ भी महसूस हो रहा है तो डॉक्टर से मिलना चाह‍िए। खून की जांच और कुछ दूसरे टेस्ट से पता लगाया जा सकता है कि कौन-सा हार्मोन गड़बड़ कर रहा है। डॉक्टर सही इलाज बताएंगे, जो लाइफस्‍टाइल में बदलाव से लेकर दवाइयों तक हो सकता है।

कैसे करें बचाव?
रोज कम से कम सात से आठ घंटे की नींद लें
जंक फूड्स न खाएं।
ज्यादा मीठा खाने से भी बचें।
वॉक करें।
योग या मेड‍िटेशन करें।
तनाव न लें।
समय पर खाना खाएं।

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