हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद मुश्किलों से घिरे अडानी ग्रुप ने एक बड़ा फैसला किया है। अडानी ग्रुप (Adani Group) अब कोयले का शिपमेंट्स डिस्काउंट पर ऑफर कर रहा है। इस मामले की जानकारी रखने वाले लोगों ने यह बताया है। इससे संकेत मिलता है कि फिलहाल संकट से घिरा अडानी ग्रुप कोल कार्गोज को तेजी से बेचना चाहता है, क्योंकि इसकी लिक्विडिटी पोजिशन पर स्क्रूटनी बढ़ गई है। इस बीच, शुक्रवार को अडानी ग्रुप की कई कंपनियों के शेयर लोअर सर्किट पर ट्रेड कर रहे हैं।
अडानी ग्रुप के ट्रेडर्स एशिया के प्राइस बेंचमार्क के मुकाबले ऑस्ट्रेलिया और इंडोनेशिया से आने वाले कई कोल शिपमेंट्स को करीब 4 पर्सेंट डिस्काउंट्स पर ऑफर कर रहे हैं। इस मामले की जानकारी रखने वाले लोगों ने यह बात नाम न जाहिर करने की शर्त पर बताई है। हालांकि, अडानी ग्रुप ने यह नहीं बताया है कि डिस्काउंट ऑफर करने के पीछे उसका क्या मकसद है। इस कदम से संकेत मिलता है कि कंपनी तेजी से कोल कॉर्गोज ऑफलोड करना चाहती है। हालांकि, अडानी ग्रुप डिस्काउंट ऑफर करने वाला इकलौता प्रॉड्यूसर नहीं है।
फ्यूल की अस्थिर डिमांड के कारण कोयले की कीमतें घट गई हैं। कई सप्लायर्स अनकॉन्ट्रैक्टेड शिपमेंट के लिए बायर्स तलाश रहे हैं और इसके लिए वह डिस्काउंट्स का सहारा ले रहे हैं। एशिया का बेंचमार्क न्यूकैसल कोल फ्यूचर्स गुरुवार को 231 डॉलर प्रति टन के लेवल पर रहा। सितंबर में रिकॉर्ड हाई तक पहुंचने के बाद अब यह घटकर आधा रह गया है। अडानी ग्रुप की इंडोनेशिया, ऑस्ट्रेलिया और भारत में कोल माइंस हैं। ग्रुप की कैपेसिटी सालाना 50 मिलियन टन से ज्यादा है। अडानी ग्रुप ग्लोबल मार्केट्स में बिक्री के लिए और अपने खुद के पावर स्टेशंस में इस्तेमाल करने के लिए कोयले का प्रॉडक्शन करता है।
डिस्क्लेमर: यहां सिर्फ शेयर के परफॉर्मेंस की जानकारी दी गई है, यह निवेश की सलाह नहीं है। शेयर बाजार में निवेश जोखिम के अधीन है और निवेश से पहले अपने एडवाइजर से परामर्श कर लें।