उच्चतम न्यायालय सोमवार (25 मार्च) को उस याचिका पर सुनवाई करेगा, जिसमें समाजवादी पार्टी के नेता और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्रियों मुलायम सिंह यादव और उनके बेटे अखिलेश यादव के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के मामले में सीबीआई को जांच रिपोर्ट पेश करने का निर्देश देने की मांग की गई है.
प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली एक पीठ ने राजनीतिक कार्यकर्ता विश्वनाथ चतुर्वेदी की नई याचिका को 25 मार्च को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया है, जिसमें उन्होंने सीबीआई को यह निर्देश देने की मांग की थी कि वह या तो उच्चतम न्यायालय या फिर एक मजिस्ट्रेट अदालत के समक्ष आय से अधिक संपत्ति मामले की रिपोर्ट पेश करें.
चतुर्वेदी ने 2005 में सर्वोच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका दायर कर सीबीआई को यह निर्देश देने की मांग की थी. वह मुलायम सिंह यादव, अखिलेश, उनकी पत्नी डिंपल यादव और मुलायम के एक अन्य बेटे प्रतीक यादव के खिलाफ सत्ता का दुरुपयोग कर कथित तौर पर आय के ज्ञात स्रोत से अधिक संपत्ति अर्जित करने पर भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत उचित कार्रवाई करे.
उच्चनम न्यायालय ने एक मार्च साल 2007 के अपने फैसले में सीबीआई को निर्देश दिया था कि वह आरोपों की जांच करे और यह पता लगाए कि समाजवादी पार्टी के नेताओं की आय से अधिक संपत्ति के संदर्भ में लगाए गए आरोप ‘सही है या नहीं.’