यदि आप सुबह नाश्ते में ब्रेड खाने का शौक रखते हैं और मैदे की वजह से नहीं खा पा रहे हैं तो अब डरने की जरूरत नहीं है। आपके लिए तैयार है पोषक तत्वों से भरपूर मुनगा की पत्तियों से बना मोरेंगा ब्रेड। प्रदेश में अपनी तरह का यह पहला प्रयास है। पं. किशोरी लाल शुक्ला उद्यानिकी कॉलेज एवं अनुसंधान केंद्र राजनांदगांव (इंगांकृविवि) के उद्यानिकी कृषि वैज्ञानिक डॉ. बीएस असाटी ने यह ब्रेड तैयार किया है।
उनका कहना है कि मुनगा की पत्तियों में बहुत सारे पोषक तत्व हैं। इससे लगभग 40 प्रकार के रोगों से छुटकारा मिलता है। इसलिए गेहूं के आटे में मुनगा की पत्तियों का पाउडर दो फीसद मात्रा में मिलाकर ब्रेड बनाया।
मांग इतनी कि कहना पड़ा-बेचने के लिए नहीं है
पांच दिवसीय आठवीं हॉर्ल्टीकल्चर सोसायटी ऑफ इंडिया के आयोजन में पहुंचे कृषि वैज्ञानिकों सहित छात्रों की निगाह जब पं. किशोरी लाल शुक्ला उद्यानिकी कॉलेज एवं अनुसंधान केंद्र राजनांदगांव के स्टाल पर पड़ी तो अनोखा ब्रेड देखकर वे चौंक गए। हर किसी ने ब्रेड के बारे में जानना चाहा। देखते ही देखते मोरेंगा ब्रेड की मांग इतनी बढ़ गई कि वैज्ञानिक को कहना पड़ रहा है कि यह बेचने के लिए नहीं है। मुनगा से कई प्रोडक्ट तैयार
अनुसंधान केंद्र राजनांदगांव में मुनगा की बेहतर खेती के साथ इनकी पत्तियों का इस्तेमाल फेस पैक, मसाले के रूप में किया जा रहा है। अब सूखी पत्तियों का पैक, बिस्किट, ब्रेड भी तैयार किया गया है।
अन्य उत्पादों की तरह ब्रेड को भी बाजार में उतारा जाएगा। अभी तो सिर्फ ट्रायल के रूप में पांच किलो गेहूं, 800 ग्राम शक्कर, 50 ग्राम नमक, 10 ग्राम कैल्शियम दस, 500 ग्राम इस्ट, 100 ग्राम मुनगा पाउडर मिलाकर 23 पैकेट ब्रेड तैयार किए गए। हर पैकेट में 16 पीस है। इसकी कीमत 25 रुपये रखी गई है। इसे चार दिनों तक इस्तेमाल किया जा सकता है।
जल्द ही मिलेगा नया लुक
ट्रायल में निर्मित ब्रेड को मिले रिस्पांस को देखते हुए इसकी नई पैकिंग, उपयोग किए गए उत्पाद को अंतिम रूप देने के लिए दोबारा मेहनत की जाएगी। इसे नया लुक देकर बाजार में पेश किया जाएगा।
किसानों की आय में मदद
मोरेंगा ब्रेड को काफी पसंद किया जा रहा है। अब इसे नए लुक के साथ बाजार में उतारने की तैयारी होगी। इससे किसानों की आय में बढ़ोतरी होगी।