पुलिस ने दावा किया है कि मंजू वर्मा ने गिरफ्तारी से बचने के लिए आत्मसमर्पण किया है। उनके खिलाफ पुलिस का शिकंजा कसता जा रहा था। पूर्व मंत्री मंजू वर्मा ने आखिरकार मंगलवार को बेगूसराय कोर्ट में सरेंडर कर दिया। वह गुपचुप तरीके से बेगूसराय के मझौल अदालत पहुंची थीं। बताया जाता है कि पुलिस की गिरफ्त से बचने के लिए उन्होंने बुर्का पहन रखा था।
आर्म्स एक्ट मामले में थी तलाश
मंजू वर्मा के बेगूसराय जिले के चेरियापरियारपुर स्थित ससुराल से सीबीआई को तलाशी में दर्जनों गोलियां मिली थीं। आर्म्स एक्ट के इस मामले में मंजू वर्मा के पति चंद्रशेखर वर्मा ने बीते 29 अक्टूबर को सरेंडर किया था। मंजू वर्मा की गिरफ्तारी नहीं होने पर सर्वोच्च न्यायालय ने बिहार पुलिस को कड़ी फटकार लगाते हुए 27 नवम्बर तक मंजू वर्मा की गिरफ्तारी नहीं होने पर डीजीपी को हाजिर होने का आदेश दिया था। इसके बाद पुलिस ने मंजू वर्मा की तलाश में दबिश बढ़ा दी थी। बिहार और इसके बाहर दर्जनों ठिकानों पर मंजू वर्मा की तलाश में छापेमारी की गई लेकिन वह हाथ नहीं आईं। पिछले दिनों ही उनके घर की कुर्की जब्ती की गई थी।
एडीजी ने कहा पुलिस की दबिश से किया सरेंडर
एडीजी मुख्याल एसके सिंघल ने बताया कि मंजू वर्मा ने पुलिस की दबिश के चलते सरेंडर किया है। हम लगातार उनकी गिरफ्तारी के लिए कार्रवाई कर रहे थे। बिहार के अलावा हैदराबाद, दिल्ली समेत कई शहरों में छापेमारी की गई थी। इसके अलावा पटना एयरपोर्ट प्रशासन को भी अलर्ट कर दिया गया था। एडीजी के मुताबिक उनकी चल संपत्ति को जहां कुर्क किया गया था वहीं मंगलवार को पुलिस उनके बैंक खातों को फ्रीज करनेवाली थी। यदि इसके बाद भी वह सामने नहीं आती तो हम उनकी अचल संपत्ति को भी जब्त करते।
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बता दें कि मुजफ्फरपुर बालिका गृह यौन उत्पीड़न मामले में पूर्व मंत्री मंजू वर्मा के पति चंद्रशेखर वर्मा का नाम आया था। इसके बाद सीबीआई ने पूर्व मंत्री के चेरियाबरियारपुर थाना क्षेत्र की श्रीपुर पंचायत के अर्जुन टोल स्थित आवास पर 17 सितंबर को छापेमारी की थी। इसमें सीबीआई टीम ने उनके आवास से 50 कारतूस बरामद की थी। इस मामले में चेरियाबरियारपुर थाने में सीबीआई के अधिकारी ने पूर्व मंत्री और उनके पति के खिलाफ आर्म्स एक्ट में नामजद प्राथमिकी दर्ज करायी थी।