पंजाब में बाढ़ की स्थिति अब भी गंभीर बनी हुई है। पंजाब में सतलुज दरिया में आई बाढ़ से जालंधर, कपूरथला, फिरोजपुर व फाजिल्का में सैकड़ों गांव पांच से छह फीट पानी में डूबे हुए हैैं। जालंधर व कपूरथला में सेना व एनडीआरएफ के जवान मोर्चा संभाले हुए हैैं। इस बीच वीरवार को मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों का दौरा किया। उन्होंने कहा कि हालात में सुधार हो रहा है, लेकिन अगले दो-तीन में बारिश हुई तो स्थिति बिगड़ जाने की आशंका है।
मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह वीरवार को कपूरथला और जालंधर के बाढ़ ग्रस्त इलाकों में पहुंचे। उन्होंने बाढ़ के पानी में गांवों का हवाई निरीक्षण भी किया। वह बाढ़ प्रभावित गांवों में गऐ और लोगों से बातचीत की। उन्होंने राहत और बचाव कार्य में जुटे अधिकारियों व कर्मचारियों और सेना के जवानों से हालत के बारे में जानकारी ली।
मुख्यमंत्री जालंधर की शाहकोट सब डिवीजन के लोहिया इलाके में पहुंचे। कैप्टन अमरिंदर ने कहा कि वह सुबह से बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर रहे हैं। प्रभावित क्षेत्रों में पानी धीरे-धीरे कम हो रहा है। सतलुज दरिया में पड़ी दरारों को भरने का काम शुरू कर दिया गया है। सेना इस काम में लगी हुई है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अगर अगले दो-तीन दिनों में बारिश हुई तो हालात बिगड़ सकते हैं। इसी वजह से सरकार सेना के साथ मिलकर कोशिश कर रही है कि जल्द से जल्द इन दरारों को भर दिया जाए।
बाढ़ प्रभावित गांवों में फंसे लोगों की परेशानी के सवाल पर कैप्टन ने कहा कि उनको खाना, पेयजल और दवाइयां मुहैया कराई जा रही हैं। लोगों को जिला प्रशासन की तरफ से गांव को खाली करने के लिए समझाया जा रहा है ताकि उन्हें सुरक्षित स्थानों परले जाया जा सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार से प्राकृतिक आपदा फंड से राहत मांगी गई है। अगर वह नहीं भी मिली तो राज्य सरकार अपने स्तर पर बाढ़ प्रभावितों को राहत देने का पूरा इंतजाम करेगी, चाहे उसके लिए दूसरा कोई भी काम क्यों न रुकना पड़े।
लोहिया में मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के दौरे को देखते हुए पुलिस और प्रशासन ने लोहिया मक्खू रोड पर ट्रैफिक को रोक दिया। इससे बाढ़ में फंसे लोगों के लिए लंगर लेकर आ रहे समाजसेवी संगठनों के सदस्य भी फंस गए। इसके विरोध में उन्होंने पंजाब सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और कहा कि सरकार और प्रशासन ही लोगों तक राहत पहुंचाने में अड़ंगा लगा रहा है।
मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर ने सुल्तानपुर लोधी के बाढ़ प्रभावित क्षेत्र सरूपवाल का भी दौरा किया और हालत का जायज़ा लिया। कैप्टन ने कहा की पहाड़ी क्षेत्र में बारिश के चलते भाखड़ा में पानी की जायदा तदाद होने के कारण पानी छोड़ा गया। इसके चलते पंजाब में यह स्थिति बनी है लेकिन सरकार हर तरह के राहत का प्रबंध करने में जुटी है।
कैप्टन ने कहा की पंजाब सरकार वर्ल्ड बैंक के साथ मिल कर इस तरह की स्थिति से बचने के लिए खास योजना बना रही है। इसके तहत पंजाब की नदियों, नालों और ड्रेनों की सफाई की जाएगी। कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा की पंजाब सरकार पूरी तरह सतर्क है और गुरु नानक देव जी के 550 वें की तैयारियों पर इस आफत का कोई प्रभाव नही पड़ेगा।
राज्य में अभी बाढ़ की स्थिति गंभीर बनी हुई है। शाहकोट डिवीजन के 18 गांवों में प्रशासन की ओर से राहत और बचाव कार्य जारी है। प्रशासनिक अधिकारियों के साथ एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें बाढ़ में फंसे लोगों को खाने-पीने का सामन पहुंचाने में लगी है। नावों की मदद से लोगों को सुरक्षित स्थान पर ले जाया जा रहा है। बारिश रुकने से सतलुज दरिया का पानी एक-दिन में उतरने की उम्मीद जताई जा रही है।
जालंधर के बाढ़ प्रभावित 18 गांवों में सेना के छह हेलीकॉप्टर राहत ऑपरेशन में लगाए गए हैं जो लोगों को खाद्य सामग्री व पेयजल मुहैया करवा रहे हैैं। फिरोजपुर में एनडीआरएफ की टीमों द्वारा 368 लोगों को बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों से निकाला गया है। बाढ़ से जालंधर, कपूरथला, फिरोजपुर, फाजिल्का, रोपड़ व लुधियाना के 326 गांवों में 1.20 लाख एकड़ फसल डूब गई है।
इन जिलों में अब तक 5023 लोगों को बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों से निकाला जा चुका है। कपू्रथला के मंड क्षेत्र में सरूपवाल व भरोयाणा के पास धुस्सी बांध टूटने से 60 गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। इन गांवों के किसानों की 18 हजार एकड़ धान की फसल की डूब गई है। गांव मंडला, दारेवाल, सरूपवाल और भरोयाणा में हालात ज्यादा खराब है।
दूसरी तरफ मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर राज्य में बाढ़ से हुए नुकसान की भरपाई के लिए 1000 करोड़ रुपये का विशेष पैकेज मांगा है। केन्द्र सरकार से बैंकों और वित्तीय संस्थाओं को बाढ़ पीडि़त किसानों के फसली लोन माफ करने के निर्देश जारी करने की मांग की है।