हरियाणा में मुख्यमंत्री विवाह शगुन योजना का लाभ अब विवाह पंजीकरण के बाद दिया जाएगा। आवेदक को अब पहले विवाह पंजीकरण कराना होगा और उसके बाद ही वह योजना का लाभ लेने के लिए आवेदन कर सकेंगे। इस योजना का लाभ लेने के लिए लाभार्थियों को नए पोर्टल पर आवेदन करना होगा। इससे पूर्व सरल पोर्टल पर आवेदन किया जाता था। यह जानकारी जिला उपायुक्त विक्रम सिंह ने दी।
उपायुक्त ने गुरुवार को बताया कि मुख्यमंत्री विवाह शगुन योजना में अब विवाह पंजीकरण करवाने के बाद ही शगुन राशि मिल सकेगी। पहले यह व्यवस्था थी कि आवेदक को शादी करने के बाद तीन माह के अंदर आवेदन करना होता था, लेकिन तब विवाह पंजीकरण करवाना अनिवार्य नहीं था, लेकिन अब आवेदक को तीन माह की बजाय शगुन राशि हेतु आवेदन करने के लिए छह महीने का समय मिल पाएगा।
हालांकि, इसमें शर्त यह है कि आवेदक को विवाह का पंजीकरण करवाना अनिवार्य होगा। अब विवाह पंजीकरण के बाद ही लाभार्थी आवेदन कर सकेंगे, तभी उन्हें योजना का लाभ मिलेगा। उन्होंने यह भी जानकारी दी कि सरल पोर्टल के बजाय अब नए पोर्टल पर आवेदन करना होगा।
71 हजार रुपये दिए जाने का है प्रावधान
मुख्यमंत्री विवाह शगुन योजना के तहत गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले अनुसूचित जाति, विमुक्त जाति एवं टपरीवास जाति के परिवारों को 71 हजार रुपये और विधवा महिलाओं को उनकी लड़की की शादी के लिए तथा दूल्हा और दुल्हन दोनों के दिव्यांग होने की स्थिति में उन्हें 51 हजार रुपये की शगुन राशि दिए जाने का प्रावधान सरकार द्वारा किया गया है। इतना ही नहीं, अन्य समाज के सभी वर्गों के लिए लड़की की शादी के लिए 31 हजार रुपये, सभी वर्ग से संबंधित महिला खिलाड़ी का दूल्हा या दुल्हन में से कोई एक दिव्यांग है, तो उन्हें भी 31 हजार रुपये की राशि देने का प्रावधान है।