दो दिन के दिल्ली दौरे के बाद देहरादून लौटे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी गुरुवार सुबह से ही सक्रिय दिखाई दिए। उन्होंने सुबह सेलाकुई में किसान मोर्चा के उत्तर क्षेत्रीय शिविर में शिरकत की। इसके बाद उन्होंने सचिवालय में स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा की और योजनाओं को लेकर अफसरों को सख्त निर्देश दिए। राज्य में बीते कई दिनों से मंत्रिमंडल में फेरबदल की अटकलें लगाई जा रही हैं।
इन चर्चाओं को तब और हवा मिली जब मुख्यमंत्री धामी बिना किसी पूर्व कार्यक्रम के मंगलवार को अचानक दिल्ली रवाना हो गए। दिल्ली में पार्टी के कई शीर्ष नेताओं के साथ महाराष्ट्र के राज्यपाल और पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी से भी उन्होंने लंबी बैठक की। मुख्यमंत्री के दिल्ली दौरे के बीच ही कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज और स्वास्थ्य मंत्री डा. धन सिंह रावत भी दिल्ली पहुंच गए थे। इससे राज्य का सियासी तापमान और बढ़ गया था।
कयास लगाए जा रहे थे कि शीर्ष नेतृत्व जल्द ही उत्तराखंड को लेकर कोई बड़ा फैसला ले सकता है। हालांकि सीएम के गुरुवार को दून लौटने के बाद मामला कुछ शांत सा हो गया है। भाजपा सूत्रों का कहना है कि राज्य कैबिनेट में फेरबदल तो होना है लेकिन इसमें अभी कुछ समय लग सकता है। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह भी गुरुवार को देहरादून लौट आए और उन्होंने मुख्यमंत्री के साथ स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा बैठक में शिरकत की।
महाराज नहीं लौटे
इधर, गुरुवार को सोशल मीडिया पर कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज के नागपुर जाने की चर्चाएं चलती रहीं। हालांकि उनके पीआरओ ने बताया कि महाराज पूना गए हैं। वहां उन्हें एक निजी कार्यक्रम में शामिल होना है। सोशल मीडिया पर महाराज के इस दौरे की खासी चर्चा है और इसे आरएसएस मुख्यालय नागपुर से जोड़ा जा रहा है।
कैबिनेट बैठक 12 को
इस बीच धामी मंत्रिमंडल की बैठक का कार्यक्रम भी तय हो गया है। सरकारी प्रवक्ता के अनुसार, 12 अक्तूबर को कैबिनेट बैठक होगी। सुबह 11 बजे से सचिवालय के विश्वकर्मा भवन स्थित वीर चंद्र सिंह गढ़वाल सभागार में सीएम पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में कैबिनेट कई अहम मुद्दों पर निर्णय ले सकती है। अधिकारियों को विभागवार ठोस प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दे दिए गए हैं।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने कहा, ‘मुख्यमंत्री के साथ ही पार्टी के अन्य नेताओं का दिल्ली दौरा सामान्य था। मंत्रिमंडल में बदलाव या फेरबदल से इसका कोई संबंध नहीं था। मुख्यमंत्री, केंद्रीय पर्यटन मंत्री से मिलने पहुंचे थे और मुझे लोकसभा अध्यक्ष से मुलाकात करनी थी। अन्य मंत्री व विधायक भी अपने कार्यक्रमों के चलते दिल्ली में थे। इस दौरे के अनावश्यक राजनीतिक निहितार्थ नहीं निकाले जाने चाहिए।’