- जनजातियों की संस्कृति को समृद्ध करने के लिए प्रदेश सरकार कृतसंकल्पित है: मुख्यमंत्री
- वर्तमान सरकार की शीर्ष प्राथमिकता है कि अनुसूचित जनजाति समुदाय के लोगों को शासन की सभी योजनाआंे का लाभ प्राप्त हो
- अनुसूचित जनजाति समुदाय को सरकारी नौकरियों में अभियान चलाकर इनके पर्याप्त प्रतिनिधित्व की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए
- अनुसूचित जनजाति वर्ग के युवाओं के लिए कोचिंग आदि की व्यवस्था की जाए
- कौशल विकास के कार्यक्रमों से भी इन्हें जोड़ने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए
- अनुसूचित जनजाति समुदाय के लोगों को स्वरोजगार के लिए प्रोत्साहित करते हुए उन्हें लोन मेलों के माध्यम से बैंकों द्वारा ऋण उपलब्ध कराया जाए
- बेसिक शिक्षा विभाग अनुसूचित जनजाति वर्ग के बच्चों को प्राथमिक शिक्षा से संतृप्त करने की व्यवस्था करे
- अनुसूचित जनजाति समाज पर केन्द्रित एक महोत्सव आयोजित किया जाए
लखनऊ: 30 दिसम्बर, 2020 उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि जनजातियों की संस्कृति को समृद्ध करने के लिए प्रदेश सरकार कृतसंकल्पित है। स्वस्थ समाज के लिए आवश्यक है कि समाज में सभी वर्गाें का प्रतिनिधित्व हो। वर्तमान प्रदेश सरकार अनुसूचित जनजातियों के लिए विशेष कार्यक्रम संचालित कर रही है।
मुख्यमंत्री जी आज यहां लोक भवन में जनजाति विकास विभाग द्वारा जनजाति समग्र विकास के सम्बन्ध में एक प्रस्तुतिकरण के अवलोकन के अवसर पर अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार की शीर्ष प्राथमिकता है कि अनुसूचित जनजाति समुदाय को शासन की सभी योजनाआंे का लाभ प्राप्त हो। अनुसूचित जनजाति समुदाय को सरकारी नौकरियों में अभियान चलाकर इनके पर्याप्त प्रतिनिधित्व की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। इसके लिए अनुसूचित जनजाति वर्ग के युवाओं के लिए कोचिंग आदि की व्यवस्था भी की जाए। कौशल विकास के कार्यक्रमों से भी इन्हें जोड़ने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। अनुसूचित जनजाति समुदाय के लोगों को स्वरोजगार के लिए प्रोत्साहित करते हुए उन्हें लोन मेलों के माध्यम से बैंकों द्वारा ऋण उपलब्ध कराया जाए।
मुख्यमंत्री जी ने बेसिक शिक्षा विभाग को निर्देशित किया कि अनुसूचित जनजाति वर्ग के बच्चों को प्राथमिक शिक्षा से संतृप्त करने की व्यवस्था की जाए। उन्होंने कहा कि अनुसूचित जनजाति समाज पर केन्द्रित एक महोत्सव भी आयोजित किया जाए।
प्रस्तुतिकरण के दौरान मुख्यमंत्री जी को अवगत कराया गया कि राज्य की कुल आबादी में अनुसूचित जनजाति समुदाय की जनसंख्या 11,34,273 है, जो प्रदेश की कुल आबादी का 0.56 प्रतिशत है। प्रदेश की जनजातीय जनसंख्या अरुणाचल प्रदेश, गोवा, हिमाचल प्रदेश, सिक्किम, केरल, तमिलनाडु, उत्तराखण्ड तथा अण्डमान-निकोबार की जनजातीय जनसंख्या से अधिक है। भारत सरकार द्वारा प्रदेश की 15 जातियां-थारू, बुक्सा, भोटिया, जौनसारी, राजी, गोंड (धुरिया, नायक, ओझा, पठारी, राजगोंड), खरवार/खैरवार, सहरिया, परहिया, बैगा, पंखा/पनिका, अगरिया, पटारी, चेरो तथा भुंइया/भुनिया कतिपय जनपदों में अनुसूचित जनजाति की श्रेणी में सूचीबद्ध हैं। प्रदेश में सर्वाधिक जनजातीय जनसंख्या 04 लाख जनपद सोनभद्र में है। उत्तर प्रदेश के 93 विभागों में से 20 विभाग की 111 योजनाओं में टी0एस0पी0 की व्यवस्था है, जहां 60 प्रतिशत भारत सरकार का अंश है। समाज कल्याण मंत्री श्री रमापति शास्त्री द्वारा इस मौके पर मुख्यमंत्री जी को अनुसूचित जनजाति समुदाय द्वारा निर्मित उत्पाद भेंट किये गये।
इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव वित्त श्री संजीव मित्तल, अपर मुख्य सचिव बेसिक शिक्षा श्रीमती रेणुका कुमार, अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री श्री एस0पी0 गोयल, अपर मुख्य सचिव पंचायतीराज एवं ग्राम्य विकास श्री मनोज कुमार सिंह, अपर मुख्य सचिव कृषि श्री देवेश चतुर्वेदी, प्रमुख सचिव समाज कल्याण श्री बी0एल0 मीणा, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री एवं सूचना श्री संजय प्रसाद, सूचना निदेशक श्री शिशिर सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।