मुख्यमंत्री ने ‘ई-राहत प्रणाली’ के तहत आॅनलाइन राहत वितरण माॅड्यूल के सम्बन्ध में तेजी से कार्यवाही करने के दिये निर्देश

  • ‘ई-कुबेर प्रणाली’ के माध्यम से डी0बी0टी0 द्वारा प्रभावितों को त्वरित राहत पहुंचायी जा सकेगी: मुख्यमंत्री
  • आॅनलाइन प्रणाली को अपनाने से राहत पहुंचाने के कार्याें में तेजी आएगी और प्रभावितों को डी0बी0टी0 के माध्यम से राहत राशि सीधे उनके बैंक खाते में बिना किसी देरी के पहुंचेगी
  • आॅनलाइन राहत वितरण माॅड्यूल में आपदा प्रहरी मोबाइल एप के माध्यम से जनमानस द्वारा क्षति की सूचना दर्ज करने की सुविधा दी जाए
  • अनुश्रवण हेतु राहत प्राप्तकर्ताओं को डिजिटल डेटाबेस तैयार किया जाए
  • ई-राहत प्रणाली से वित्तीय अनुशासन व पूर्ण पारदर्शिता के साथ जवाबदेही सुनिश्चित की जा सकेगी
  • राजस्व विभाग ई-कुबेर प्रणाली का प्रयोग करने वाला राज्य का प्रथम विभाग होगा
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने ‘ई-राहत प्रणाली’ के तहत आॅनलाइन राहत वितरण माॅड्यूल के सम्बन्ध में तेजी से कार्यवाही करने के निर्देश दिये हैं। इसके तहत ‘ई-कुबेर प्रणाली’ के माध्यम से डी0बी0टी0 द्वारा प्रभावितों को त्वरित राहत पहुंचायी जा सकेगी। उन्होंने कहा कि आॅनलाइन प्रणाली को अपनाने से राहत पहुंचाने के कार्याें में तेजी आएगी और प्रभावितों को डी0बी0टी0 के माध्यम से राहत राशि सीधे उनके बैंक खाते में बिना किसी देरी के पहुंचेगी।
मुख्यमंत्री जी के समक्ष बुधवार को उनके सरकारी आवास पर ई-राहत प्रणाली के सम्बन्ध में प्रस्तुतिकरण किया गया। उन्होंने कहा कि आॅनलाइन राहत वितरण माॅड्यूल में आपदा प्रहरी मोबाइल एप के माध्यम से जनमानस द्वारा क्षति की सूचना दर्ज करने की सुविधा दी जाए। अनुश्रवण हेतु राहत प्राप्तकर्ताओं का डिजिटल डेटाबेस तैयार किया जाए। उन्होंने कहा कि ई-राहत प्रणाली से पारम्परिक प्रणाली में होने वाले विलम्ब का डिजिटल समाधान होगा। साथ ही, वित्तीय अनुशासन व पूर्ण पारदर्शिता के साथ जवाबदेही सुनिश्चित की जा सकेगी।
अपर मुख्य सचिव राजस्व ने मुख्यमंत्री जी को अवगत कराया कि राजस्व विभाग ई-कुबेर प्रणाली का प्रयोग करने वाला राज्य का प्रथम विभाग होगा। प्रस्तावित आॅनलाइन वितरण माॅड्यूल का चरणबद्ध क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाएगा। इसके अन्तर्गत प्रथम चरण में कृषि निवेश अनुदान माॅड्यूल को वेबसाइट पर लाइव किये जाने की तैयारी पूरी कर ली गयी है। द्वितीय चरण में आपदा से जनहानि, पशुहानि एवं मकान क्षति के मामलों में दी जाने वाली राहत की प्रक्रिया भी गतिमान है।
ज्ञातव्य है कि भारत सरकार द्वारा बाढ़, सूखा, अग्निकाण्ड, ओलावृष्टि, कोहरा एवं शीतलहरी, बादल फटना, भूकम्प, चक्रवात, भू-स्खलन, कीट-आक्रमण तथा हिमस्खलन अधिसूचित आपदाएं हैं। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा बेमौसम भारी वर्षा/अतिवृष्टि, आकाशीय विद्युत, आंधी-तूफान, लू-प्रकोप, नाव दुर्घटना, सर्पदंश, सीवर सफाई/गैस रिसाव, बोरवेल में गिरना तथा मानव वन्य जीव द्वन्द (जंगली जानवरों का हमला) आपदाएं अधिसूचित की गयी हैं। इसके अन्तर्गत राहत सहायता हेतु मानक दरें इस प्रकार हैं- मृतकों के परिवार को 04 लाख रुपये, कृषि निवेश अनुदान हेतु 6,800 रुपये से 18,000 रुपये प्रति हेक्टेयर, मृत पशुओं हेतु 3,000 रुपये से 30,000 रुपये तक का अनुदान, क्षतिग्रस्त मकानों हेतु 4,100 रुपये से 95,100 रुपये तक अनुदान, शारीरिक दिव्यांगता पर 59,100 रुपये से 02 लाख रुपये तक, अस्पताल में भर्ती होने पर 4,300 रुपये से 12,700 रुपये तक तथा बर्तन/घरेलू सामग्री हेतु 3,800 रुपये तक की राहत उपलब्ध करायी जाती है।
इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव सूचना एवं एम0एस0एम0ई0 श्री नवनीत सहगल, अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री श्री एस0पी0 गोयल, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री श्री संजय प्रसाद, सचिव मुख्यमंत्री श्री आलोक कुमार, राहत आयुक्त श्री रणवीर प्रसाद, सूचना निदेशक श्री शिशिर सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
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