तेलुगू फिल्म के मशहूर एक्टर और श्री विद्यानिकेतन शिक्षण संस्था के प्रमुख मोहन बाबू इन दिनों काफी चर्चा में हैं। पुलिस ने उन्हें उनके घर में नजरबंद कर दिया है। बीते कई दिनों से वह राज्य सरकार से फीस पुनर्भुगतान की मांग कर रहे हैं। अपनी मांग मनवाने के लिए वह हजारों कॉलेज के स्टूडेंड्स के साथ मिलकर शांतिपूर्ण तरीके से प्रर्दशन करने वाले थे।
मीडिया में चल रही खबरों की मानें तो मोहन बाबू लंबे समय से राज्य सरकार की ओर से आने वाली फीस पुनर्भुगतान राशि की मांग कर रहे हैं। उनकी सुनवाई न होने पर उन्होंने शुक्रवार को करीब 10,000 स्टूडेंट्स के साथ मिलकर शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन करने की घोषणा की थी। इसके बाद पुलिस ने मोहन बाबू को उनके घर में ही नजरबंद कर दिया है।
फीस पुनर्भुगतान के लिए एक्टर प्रदेश सरकार को पत्र भी लिख चुके हैं। चंद्रबाबू नायडू सरकार को घेरते हुए मोहन बाबू ने कहा कि फीस पुनर्भुगतान के आश्वासन से मुख्यमंत्री मुकर रहे हैं। मोहन बाबू का कहना है कि पूरे आंध्र प्रदेश में फीस पुनर्भुगतान योजना को दिवंगत मुख्यमंत्री वाईएस राजशेखर रेड्डी ने लागू किया था। इसके बाद इस योजना के तहत करोड़ों छात्रों को लाभ मिला, चंद्रबाबू कई बार हमारे कॉलेज आए लेकिन उन्होंने फीस पुनर्भुगतान करने की एक भी बार बात नहीं की।
मोहन बाबू आगे कहते हैं,’ सीएम चंद्रबाबू को मैं पसंद करता हूं, लेकिन फीस पुनर्भुगतान के लिए उनका इस तरह नाटक करना पसंद नहीं है। फिल्मों में एक्टिंग करें तो पैसे मिलते हैं। चंद्रबाबू नायडू बाहर अच्छा अभिनय करते हैं। भोली जनता ने उन पर भरोसा करके उन्हें मुख्यमंत्री बनाया है, लेकिन चंद्रबाबू ने सभी के साथ धोखा किया। बकाया फीस पुनर्भुगतान का भुगतान ही नहीं किया। ऐसा व्यक्ति अब युवकों को नौकरियां कैसे देंगे?”
गौरतलब है कि स्टूडेंट्स की साल 2014 से 2018 तक करीब 19 करोड़ रुपये फीस पुनर्भुगतान राशि बकाया है। आपको बता दें कि मोहन ‘बाबू रावडी गारी पेल्लम’ और ‘मेजर चंद्रकांत’ जैसी कई शानदार फिल्मों में नजर आ चुके हैं। वह लंबे समय से श्री विद्यानिकेतन शिक्षण संस्था को चला रहे हैं।
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