मुंबई में रविवार को 43 साल के अनिल चुगानी नामक व्यक्ति ने अपने पड़ेसी की तीन साल की बेटी शनाया को सातवीं मंजिल से गिरा दिया था। ये इमारत कोलाबा में रेडिया क्लब मार्ग पर स्थित है। पुलिस ने बताया कि आरोपी ने दावा किया है कि इस अपराध के पीछे उसका कोई मकसद नहीं था। उसे रविवार को सात दिनों की पुलिस कस्टडी में भेज दिया गया है।
पुलिस ने इस बात से इनकार कर दिया है कि बच्ची दुर्घटनावश गिरी थी। ऐसा इसलिए क्योंकि उसका शव खिड़की से 20 फीट की दूरी पर मिला था। तो इससे ये बात तो स्पष्ट है कि उसे सातवीं मंजिल से धक्का मारकर गिराया गया था। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में पता चला है कि बच्ची की मौत कई चोटें लगने के कारण सदमे के चलते हुई है।
पुलिस के मुताबिक आरोपी चुगानी बचपन से ही अशोका अपार्टमेंट में रहता था और बच्ची के पिता प्रेम लाल हथिरमानी (44) का दोस्त था। हथिरमानी वहीं मौजूद एक अन्य इमारत में रहते हैं। चुगानी की 2010 में शादी हुई थी और उसकी पत्नी अपनी मां के घर रहती है। जबकि उसके माता-पिता और भाई मोरक्को में रहते हैं। वह खुद भी मोरक्को में ही रहता है लेकिन साल में एक दो महीने के लिए कोलाबा आया करता था।
पुलिस अधिकारी ने कहा, “जांच के दौरान हमें पता चला कि वह बीते छह माह से मुंबई में रह रहा था और बेरोजगार है।” हथिरमानी का कहना है कि चुगानी उनके घर बच्चों के साथ समय बिताने के लिए आता था। दो दिन पहले ही उसने उनसे कहा था कि वह उनके बेटे जय और जुड़वां बेटियों शनाया और श्रेया को अपने घर ले जाना चाहता है।
हथिरमानी ने अपने बयान में कहा है, “क्योंकि अनिल बच्चों को पहली बार ले जा रहा था, तो मैंने मदद करने को कहा और फिर काकुली मंडल उनके साथ गया।” हथिरमानी ने कहा कि शाम के करीब साढ़े सात बजे उनके पिता को फोन पर बताया गया कि शनाया गिर गई है और उसे बहुत सी चोटें आई हैं।
उसे सेंट जयॉर्ज अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। बाद में पोस्टमार्टम के लिए उसे जेजे अस्पताल ले जाया गया। पुलिस को पता चला कि मंंडल (48) दो बच्चों के साथ हॉल में था, वहीं आरोपी शनाया को बेडरूम में ले गया था।
कोलाबा पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की धारा 302 के तहत हत्या का मामला दर्ज कर लिया है। पुलिस को संदेह है कि चुगानी मानसिक तौर पर अस्थिर है क्योंकि वो बेरोजगार है और उसकी कोई संतान नहीं है। पुलिस मामले में काले जादू के एंगल की भी जांच कर रही है।