तहव्वुर राणा को भारत प्रत्यर्पित करने के भारत सरकार के अनुरोध को अमेरिकी सरकार ने मंजूर कर लिया था, लेकिन इसके खिलाफ तहव्वुर राणा ने अमेरिका की जिला अदालत में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर कर दी, जिससे राणा का भारत प्रत्यर्पण अटक गया था।
पाकिस्तानी मूल के कनाडाई नागरिक तहव्वुर राणा को भारत लाने की उम्मीद बढ़ गई है। दरअसल अमेरिका के सहायक अटॉर्नी ब्रैम एल्डेन ने अमेरिका के अपीलीय न्यायालय को बताया है कि भारत-अमेरिका की प्रत्यर्पण संधि के प्रावधानों के तहत तहव्वुर राणा को भारत प्रत्यर्पित किया जा सकता है। तहव्वुर राणा पर साल 2008 में हुए मुंबई हमले में शामिल होने का आरोप है। तहव्वुर राणा ने कैलिफोर्निया की एक जिला अदालत में प्रत्यर्पण के खिलाफ अपील की है।
अमेरिका ने राणा के प्रत्यर्पण की याचिका को मंजूर कर लिया था
तहव्वुर राणा को भारत प्रत्यर्पित करने के भारत सरकार के अनुरोध को अमेरिकी सरकार ने मंजूर कर लिया था, लेकिन इसके खिलाफ तहव्वुर राणा ने अमेरिका की जिला अदालत में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर कर दी, जिससे राणा का भारत प्रत्यर्पण अटक गया था। अब याचिका पर सुनवाई के दौरान अमेरिकी वकील एल्डेन ने कोर्ट को बताया कि राणा को संधि के प्रावधानों के तहत भारत प्रत्यर्पित किया जा सकता है। भारत ने मुंबई हमले में उसकी भूमिका के लिए मुकदमा चलाने का संभावित कारण भी साबित किए हैं।
लॉस एंजिल्स की जेल में बंद है तहव्वुर राणा
वर्तमान में लॉस एंजिल्स की जेल में बंद तहव्वुर राणा पर मुंबई हमलों की साजिश रचने में शामिल होने का आरोप है। हमले के मुख्य साजिशकर्ताओं में से एक पाकिस्तानी-अमेरिकी आतंकवादी डेविड कोलमैन हेडली से तहव्वुर राणा का नाम जुड़ा है। राणा कई बार हेडली से मिला। हेडली ने अपने बयान में इसे स्वीकार भी किया था। हेडली ही मुंबई हमले की रेकी करने के लिए मुंबई आया था।
मुंबई हमले में 166 लोगों की मौत हुई थी और 239 लोग घायल हुए थे। आतंकियों ने मुंबई स्थित ताज होटल, कई बार, रेस्तरां और चबाड हाउस पर हमला किया था। मरने वालों में छह अमेरिकी नागिरक भी शामिल थे। पाकिस्तान के 10 आतंकियों ने मुंबई में कई घंटे तक लोगों को निशाना बनाया था। इस हमले में ही आतंकी अजमल कसाब को जिंदा पकड़ा गया था, जिसे बाद में फांसी दे दी गई थी।